हत्यारोंपियों की नहीं हुई गिरफ्तारी

  मुजफ्फरनगर । प्रदेश में योगी सरकार समाज के सभी वर्गो को न्याय दिलाने की दंभ भर रही है। लेकिन मुजफ्फरनगर के मांडला गांव में यह कहावत उल्टी होती दिखाई दे रही है। गांव को एक दलित परिवार न्याय की आस मै रोता रहा, चिल्लाता रहा लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। गुर्जर समाज की प्रताडऩा से सहमा यह परिवार न्याय के लिए दर.दर भटक रहा है और जिले से लेकर प्रदेश के हुक्मरानों तक न्याय की गुहार लगा चुका है। लेकिन न्याय मिलना तो दूर इस परिवार का दर्द सुनने को भी कोई तैयार नहीं। जिसका कारण  पीडि़त परिवार गुर्जर समाज की प्रताडऩाओं से सहमा  घर से पलायन करने को मजबूर हो चुका है, पीडि़त परिवार की महिलाएं अपने घर से निकलने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रही है। 



इसका कारण्सा पुलिस और गुर्जर समाज को मिला राजनेताओं के संरक्षण का गठजोड़। दिखाई दे रहा है प्रशासन और सत्ता एक ही सिक्के के दो पहल्लू है और पीडि़त परिवार इन्हीं दोनों की प्रताडऩा का शिकार है और पीडि़त परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद बहुत कम है।अपने पति की तस्वीर को हाथों में लिए इस महिला को देखिएं जो अपने दर्द को ठीक से बयां भी नहीं कर पा रही है। दर्द बयां करते ही इस महिला की आंखों से आंसू निकल आते है और रोंधे गले से निकली अपनी आवाज से अपने दर्द को टूटी.फूटी जुबां में जरुर कह रही कि उसके पति के कातिलों को सजा दिला दो। 

मामला 1 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार शाम का है जब मांडला गांव में अपने घर से निकला घर का मुखिया जरुरी कामों से खेतों तक तो आया लेकिन घर नहीं पहुंचा। उस शाम धीरसिंह की हत्या कर दी गई और उसकी लाश को तालाब में फेंककर ठिकाने लगा दिया गया। देर रात कर परिवार धीर सिंह का बाट जौहता रहा और गांव के इस कौने से दूसरे कौने कर छान मारा, लेकिन धीर सिंह का कहीं कुछ पता नहीं चला। इस बात को एक महीना से ज्यादा हो चुका है लेकिन पीडि़त परिवार इस हादसे को भूला नहीं उनके जख्म अभी भी ताजा है। क्योंकि अपनों को खोने का दर्द ऐसा है जो कभी भुलाया नही जा सकता।

    मृतक धीर सिंह के बेटे रविंद्र का आरोप है कि पिता की हत्या की गई है और इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही हो पाई।गुर्जर समाज द्वारा पीडि़त परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है, इतना ही नहीं पीडि़त परिवार इस कदर सहमा है घर से पलायन करने को मजबूर है। आरोपी कार्तिक, काला, विकास खुलेआम पुलिस प्रशासन को चुनौती दे रहे है ।  

ऐसे में सवाल यह है कि मुंह से ठांय.ठांय की आवाज निकालकर सुर्खियां बटोरने वाली योगी की पुलिस के कानों पर अभी तक जूं क्यों नहीं रेंगी, अभी तक किसी राजनेता ने पीडि़त परिवार की सुध क्यों नहीं नहीं, क्यों यह परिवार न्याय की आस खो बैठा है। क्या यही रामराज्य है। 

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