मुजफ्फरनगर, 23 नवंबर 2021। प्रजनन स्वास्थ्य के अंतर्गत वर्तमान स्थिति को देखते हुए पुरुष नसबंदी अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक मामूली शल्य प्रक्रिया है तथा महिला नसबंदी की तुलना में अधिक सरल और सुरक्षित है। पुरुष नसबंदी पखवाड़े पर यह बातें सीएमओ डा. महावीर सिंह फौजदार ने कहीं। उन्होंने बताया -पुरुष नसबंदी पखवाड़े के अतंर्गत स्वास्थ्य विभाग लोगों में जागरुकता के लिए  प्रचार-प्रसार में जुटा है।  उसका सफल परिणाम भी देखने को मिल रहा है। महिला-पुरुषों में जागरुकता देखने को मिल रही है तथा लोग बढ़-चढ़कर अभियान को सफल बना रहे हैं।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डा. दिव्या वर्मा ने बताया कि मंगलवार को जनपद की गुड़  मंडी में व्यापारियों और व्यापारी संघ के अध्यक्ष को पुरुष नसबंदी पखवाड़े के प्रति जागरुक किया गया। उन्होंने बताया - सीएचसी खतौली पर एक पुरुष तथा 20 महिलाओं ने नसबंदी कराकर परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाया। उन्होंने कहा - सीएचसी खतौली पर हुए बेहतरीन कार्य के लिए डा. अजीत कुमार व उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र है।

पुरुष नसबंदी है बिल्कुल आसान और सुरक्षित :

पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित  है। यह प्रक्रिया बिना चीरा एवं टांके  के बहुत कम समय में ही पूरी हो जाती है। उसके बाद लाभार्थी आराम से घर जा सकते हैं। सभी सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य  केंद्रों पर पुरुष नसबंदी की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। पुरुषों की यह नैतिक ज़िम्मेदारी भी है कि वह  अन्य कार्यों की ही तरह परिवार नियोजन कार्यक्रम में भी आगे बढकर जिम्मेदारी निभाएं। पुरुष नसबंदी के लिए लाभार्थी को 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जो लाभार्थी के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। इसी प्रकार महिला नसबंदी कराने पर लाभार्थी के खाते में सरकार की ओर से दो हजार रुपए का भुगतान किया जाता है।

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