Meerut -आज शोभित यूनिवर्सिटी  द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्वविख्यात भारतीय सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं उद्द्यमी एवं पदम् भूषण  नागरिक सम्मान से सम्मानित डॉ. बिंदेश्वर पाठक  को प्रोफेसरशिप की मानद उपाधि प्रदान की गयी।
डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने वर्ष 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी। यह संस्था मुख्यतः मानव अधिकार, पर्यावरन स्वच्छता एवं ऊर्जा के गैर पारम्परिक स्रोत और शिक्षा द्वारा सामाजिक परिवर्तन आदि क्षेत्रों में कार्य करने वाली एक अग्रणी संस्था है। 
कार्यक्रम की शरुआत परंपरागत तरीके से डीप प्रज्जवलन के साथ की गयी। तत्पश्चात डॉ. प्रशांत कुमार  ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का संक्षिप्त जीवन परिचय दिया एवं उनका अभिनन्दन करते हुए कहा की उन्होंने यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदत्त मानद उपाधि को स्वीकार किया। 
इसके पश्चात् कार्यक्रम को शोभित यूनिवर्सिटी गंगोह के कुलपति प्रोफ.(डॉ.) रणजीत सिंह ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने अपने स्वागत सम्बोधन में डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का, शोभित यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी का, हरिजन सेवक संघ के वाईस प्रेजिडेंट श्री लक्ष्मी दस  जी का, श्री अनूप वार्ष्णेय ज्वाइंट सेकेंडरी मिनिस्ट्री ऑफ लॉ ,डॉ. अमर प्रकाश गर्ग विश्वविद्यालय की पुरातन छात्रा प्रीति पांडे  एवं अन्य सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। इसके साथ ही कुलपति महोदय ने डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी के द्वारा किये गए सामजिक सरोकार के कार्यों एवं उपलब्धियों को भी संक्षेप में रेखांकित किया। कार्यक्रम को हरिजन सेवक संघ के वाईस प्रेजिडेंट श्री लक्ष्मी  दास जी ने भी सम्बोधित किया।  डॉ. अमर प्रकाश गर्ग, डीन रिसर्च, शोभित यूनिवर्सिटी मेरठ ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने डॉ. बिंदेश्वर पाठक को प्रोफेसरशिप की मानद उपाधि मिलने पर बहुत बहुत बधाई दी एवं विश्वास प्रकट किया की आपके यूनिवर्सिटी से जुड़ने पर निश्चय ही यूनिवर्सिटी एवं विधार्थियों को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर शोभित यूनिवर्सिटी मेरठ के एडवाइजर मेजर जनरल (रिटायर्ड) डॉ. सुनील चंदा जी ने भी सम्बोधित किया गया। 
इस शुभ अवसर पर मानद प्रोफेसरशिप को स्वीकार करने पर डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने सर्वप्रथम शोभित यूनिवर्सिटी का एवं कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया की उन्होंने उनको यह मानद प्रोफेसरशिप प्रदान की।  उन्होंने बताया की वर्ष 1967 में बिहार गाँधी जन्म शताब्दी समारोह समिति में एक प्रचारक के तौर पर अपने सामाजिक सरोकार की शरुआत की थी। इसके पश्चात् वर्ष 1970 में श्री शत्रुहन शरण सिंह के सुझाव पर सुलभ शौचालय संसथान की स्थापना की। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की की बिहार से यह अभियान शुरू होकर 1980  तक तक विदेशों तक भी पहुँच गया।  उन्होंने अपने सम्बोधन में बताया की वर्ष 1980 में संस्था  का नाम सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गेनाइजेशन हो गया।  
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी ने  डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का धन्यवाद किया की उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त प्रोफेसरशिप की मानद उपाधि स्वीकार की।  कुलाधिपति महोदय ने कहा की डॉ. पाठक हमेशा से ही समाज में आमूल चूल परिवर्तन लेन के लिए हमेशा से ही साहसिक कार्यों के लिए जाने जाते रहे हैं। यहाँ तक की उन्होंने अपनी शोध का विषय भी भंगी मुक्ति और स्वच्छता के लिए सर्व सुलभ संसाधन जैसा साहसिक एवं चुनौतीपूर्ण विषय चुना था।  कुलाधिपति महोदय ने बताया की एक पारंपरिक ब्राह्मण परिवार में जन्मे और बिहार में पले बढे डॉ॰ पाठक ने अपने पीएच.डी. का अध्ययन क्षेत्र "भंगी मुक्ति और स्वच्छता के लिए सर्व सुलभ संसाधन" जैसे विषय को चुना और इस दिशा में गहन शोध भी किया। 1968 में श्री पाठक भंगी मुक्ति कार्यक्रम से जुड़े रहे और उन्होंने तब इस सामाजिक बुराई और इससे जुड़ी हुई पीड़ा का अनुभव किया। श्री पाठक के दृढ निश्चय ने उन्हें सुलभ इंटरनेशनल जैसी संस्था की स्थापना की प्रेरणा दी और उन्होंने 1970 में भारत के इतिहास में एक अनोखे आंदोलन का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में देविंदर नारायण , निदेशक-कॉर्पोरेट रिलेशन्स, प्रो एम. मोनी,डॉ. श्रीकांत गुप्ता, डॉ. दिव्या प्रकाश, डॉ. भूपिंदर चौहान, डॉ. अभिषेक डबास , डॉ नंदिता त्रिपाठी ,सोमप्रभ दुबे, राजीव उपाध्याय यायावर , आयुष मदान आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।

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