मेरठ: मौजूदा समय में युवाओं अथवा मिडिल एजेड महिलाओं में जोड़ों का दर्द होना कोई नई अथवा असामान्य बात नहीं रह गई है। ऐसे समय में कोविड का संक्रमण सभी लोगों के संपूर्ण स्वास्थ के लिए बड़ा खतरा बन चुका और लोगों को उनके घरों में लंबे समय तक कैद होना पड़ रहा है।
लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्राम होम बहुत लोकप्रियता हासिल कर चुका है। इसी वजह से कारपोरेट सेक्टर में काम करने वालों के बीच जोड़ों का दर्द भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है। घर के आरामदेह वातावारण में काम करने के सही स्थान न होने की वजह से जोड़ों में दर्द पैदा हो रहा है।
बहुत से लोगों को पता ही नहीं है कि उम्र के तीसरे दशक के मध्य तक पहुंचते पहुंचते हड्डियों का घनत्व अधिकतम अवस्था में आ जाता है। इसके बाद महिलाओं के मीनोपॉज की अवधि के बाद से हड्डियों का घनत्व घटने लगता है। शरीर में ईस्ट्रोजन हारमोन का स्तर कम होने के कारण हड्डियों में क्षरण शुरू हो जाता है और इसके नतीजे यह होते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी हो जाती है। 
मैक्स हॉस्पिटल गुरुग्राम के ऑर्थोपेडिक्स एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. जतिंदर बीर सिंह जग्गी कहते कि इन दिनों जब कोविड की महामारी के कारण हुए लॉकडॉउन में शारीरिक गतिविधियां अत्यंत कम हो गई हैं तब यह जानना जरूरी है कि थोड़ी सी शारीरिक गतिविधियां या कसरतें एक दवा की तरह काम करती हैं। फैमिली हिस्ट्री, ओबेसिटी, शारीरिक गतिविधियों में कमी, बढ़ती उम्र, ऑस्टियोपोरोसिस या रिह्यूमेटाइड ऑर्थ्राइटिस जैसे महत्वपूर्ण कारणों की वजह से जोड़ों के दर्द के मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही विटामिन्स डी3 और बी12 की कमी ने जोड़ों और हड्डियों की मजबूता को बहुत प्रभावित किया है।
ऑस्टियोपोरोसिस मुख्य रूप से हड्डियों के घनत्व के कम होने और रीढ़ की हड्डी तथा हिप ज्वाइंट के टिश्यू के उम्र के कारण क्षतिग्रस्त होने के कारण असर दिखाने लगती है। क्षतिग्रस्त रीढ़ की हड्डी की वजह से तीव्र पीठ दर्द होता है और इसी की वजह से कमर झुकने की शिकायत हो जाती है। लंबे समय तक यदि रीढ़ की चोट का इलाज ना हो तो असाध्य दर्द की समस्या होती है।
डॉ. जग्गी के मुताबिक रीढ़ और हिप की बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) टेस्ट ऑस्टियोपोरोसिस की पहले से ही पता लगाया जा सकता है। बीएमडी स्कैन टेस्ट एक प्रभावशाली जांच है। कोविड महामारी के दौरान सक्रिय जीवन शैली में गिरावट देखी गई है, अपने आप को सक्रिय रखना जोड़ के कठोरता और संबंधित शिकायतों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।

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