उपेक्षा से आहत हरेंद्र मलिक ने कांग्रेस को छोडी ,2 दिन बाद नयी पारी करेंगे आरंभ
मुजफ्फरनगर।कांग्रेस में पड रही फूट से पुराने कांग्रेसियों ने पार्टी से किनारा करना आरंभ कर दिया है। मंगलवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता हरेंद्र मलिक ने आज कांग्रेस को अलविदा कह दिया। 2 दिन पहले ही वे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलकर आये थे।
बता दें कि पिछले 18 वर्षों से कांग्रेस के साथ जुड़े पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि कांग्रेस की रणनीति को देखते हुए उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया है। जल्दी नई पार्टी में शामिल होने की घोषणा खुली पंचायत के जरिए की जाएगी। अभी नई पार्टी नहीं तय की गई है। मगर माना जा रहा है कि वे सपा या रालोद में शामिल होंगे। बता दें कि वे अभी सीनियर लीडर प्रियंका गांधी के सलाहकार व पार्टी के कई जिम्मेदार पदों पर कार्यरत थे।
दिग्गज राजनीतिज्ञ हरेंद्र मलिक का जन्म 15 फरवरी 1954 को मुजफ्फरनगर के काजीखेड़ा गांव में हुआ है। उन्होंने मुजफ्फरनगर के डीएवीपीजी कॉलेज से पढ़ाई की है। हरेंद्र मलिक ने एलएलबी की हुई है। उनकी पत्नी का नाम राजकुमारी हैं। दोनों के दो बेटे और एक बेटी हैं।
हरेन्द्र मलिक का राजनीति इतिहास
हरेंद्र मलिक ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत रालोद मुखिया अजित सिंह के साथ की थी। उस समय वह जनता दल में थे। हरेंद्र मलिक 1989 में सबसे पहले जनता दल के टिकट पर खतौली से विधायक बने थे। इसके बाद वह लोकदल के टिकट पर मुजफ्फरनगर की बघरा सीट से चुनाव जीते। 1996 में अजित सिंह ने भारतीय किसान कामगार पार्टी बनाई। उसके टिकट पर हरेंद्र मलिक ने बघरा से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद हरेंद्र मलिक समाजवादी पार्टी सपा में चले गए। यहां से वह इंडियन नेशनल लोकदल आईएनएलडी में चले गए और राज्यसभा सांसद बने। फिर इन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने अपने बेटे पंकज मलिक को बघरा से विधायक बनवाया। इसके बाद 2012 में पंकज मलिक फिर शामली से विधायक बने। हरेंद्र मलिक की पहचान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मंझे हुए राजनीतिज्ञों में होती है। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हरेंद्र मलिक का जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है।

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