सभी संक्रामक रोगों से बचाता है कोविड प्रोटोकॉल

      सार्वजनिक स्थानों पर जाएं तो मॉस्क अवश्य लगाएं


  मेरठ, 12 अक्टूबर। जनपद में कोविड के मामले अब काफी कम हो गए हैं, लेकिन अब भी हमें सावधानी जारी रखनी होगी। अब भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की पूरी जरूरत है और विशेषज्ञों के साथ-साथ शासन प्रशासन की गाइडलाइन भी यही है। त्यौहारी सीजन शुरू हो चुका है। त्यौहारों के जोश में कोविड प्रोटोकॉल की अनदेखी कतई न करें। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने से कोविड ही नहीं तमाम संक्रामक रोगों से भी बचाव होता है। अभी मौसम बदल रहा है, इस मौसम में संक्रामक रोगों का खतरा ज्यादा रहता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश  मोहन ने त्यौहारों के मौके पर लोगों से ज्यादा सावधानी बरतने की अपील की है।
सीएमओ ने बताया जनपद में कोविड के आठ केस हैं जिसमें पांच का उपचार चल रहा है। जबकि तीन होम आइसोलेशन में उपचार करा रहे हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन न किया जाए। घर से बाहर निकलें तो मॉस्क अवश्य लगाएं। इससे वायरल जैसे संचारी रोगों से भी बचाव होता है। इसके अलावा मॉस्क प्रदूषण से भी बचाव करता है और बदलते मौसम में बीमार पड़ने की आशंका को काफी कम कर देता है। बेशक घर में बनाया गया कपड़े का मॉस्क ही पहनें। खासकर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाएं तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। अपने हाथों को साबुन-पानी से धोते रहें और हाथ मिलाने से परहेज करें। हाथ जोड़कर अभिवादन करें, यह हमारी संस्कृति भी है और संक्रामक रोगों से बचाव का तरीका भी। कोविड काल में पश्चिमी देशों में भी हमारी इस संस्कृति की चर्चा हुई और तवज्जो भी मिली।
उन्होंने कहा मौसम में बदलाव का समय संचारी रोगों के लिए अनुकूल रहता है, इसीलिए शासन के आदेश पर 18 अक्टूबर से विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह की शुरुआत की जा रही है। 17 नवंबर तक इस विशेष माह के दौरान स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग और ग्राम्य विकास जैसे विभाग अभियान चलाकर जलजमाव जलाशयों वाले स्थानों पर सफाई अभियान चलाएंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के फ्रंटलाइन वर्कर्स, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर बुखार, इंफ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), टीबी के लक्षण वाले और कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करेंगी और उपचार उपलब्ध कराएंगी।

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