लंबे समय से खाली चल  रहा था पद , अब  मरीजों को मिलेगी सुविधा 


मेरठ। लाला लाजपत राय मेडिकल  कालेज  में चल रहे  ट्रांमा सैटर में  अब मरीजों को  सर्जन विशेषज्ञ  न होने  के कारण वापस नहीं लौटना पडेगा। से शुक्रवार को  न्यूरो सर्जन  डा अखिल प्रकाश ने अपना  कार्यभार ग्रहण  कर लिया  है। 

  बता दें मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार 2013.14 में केंद्र सरकार से लेवल.दो स्तर के ट्रॉमा सेंटर बनाने के लिए 80 लाख रुपये मिले थे। मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विभाग के अंतर्गत ट्रॉमा सेंटर में वार्ड और तीन ऑपरेशन थियेटर बनाए गए थे। केंद्र ने राज्य सरकार को 4.22 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे।  ट्रॉमा सेंटर के लिए न्यूरो सर्जन, एनेस्थीसिया, प्लास्टिक सर्जन, सर्जरी, मेडिसिन विशेषज्ञ समेत पैरा मेडिकल स्टॉफ के पद भी सृजित किए गए थे,। ट्रांमा सैंटर में स्थायी सर्जन की नियुक्ति न होने के कारण  घायलों को ट्रॉमा की सेवाएं मयस्सर नहीं हो रही थी।

मिल रहा सामान्य इलाज

दरअसल, ट्रॉमा सेंटर का मतलब है कि बर्न, एक्सीडेंट, हेड इंजरी, आंख में चोट जैसी गंभीर स्थिति में घायलों को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार का उपचार मिले।   लेकिन  सर्जन न होने के कारण मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना  पडता था। 

   1998 केजीएमयू से  एमसीएस की डिग्री पास  आऊट है डा अखिल 

 शुक्रवार को मेडिकल कालेज  के ट्राँमा  सैंटर के  डिपार्टमेंट ऑफ  सर्जरी में कमीशन से नामित  पदभार ग्रहण करने वाले 1995 बैच  के  सर्जन डा अखिल प्रकाश  ने बताया  दिमाग, रीढ व सिर की हडडी के विशेषज्ञ  है। उन्होंने  बताया  कि वह लखनऊ से केजीएमयू  से 1998  में एमसीएस  की डिग्री हासिल की । 2010में मेडिकल कालेज में प्रोफेसर के रूप में सेवा देर रहे  थे। अपनी प्राथमिकता पर  उन्होने बताया कि उनकी कोशिश  होगी ट्रॉमा सैटर में  आना वाला  कोई भी मरीज उपचार के बिना वापस न लौटे। उनका बेहतर तरीके से  उपचार किया जाएगा। 

 इन्होने कहा  :- 

 उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस  कमीशन से स्थायी नामित सर्जन  की मेडिकल कालेज में  चल रहे ट्रांमा  सैटर में कमी महसूस की जा  रही है।न्यूरो  सर्जन डा अखिल प्रकाश  के ज्वांइन करने से यह कमी पूरी हो गयी है। अब मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पडेगा । 

      डा .ज्ञानेन्द्र कुमार , प्राचार्य मेडिकल कालेज  ,मेरठ 

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