मेरठ। उत्तर प्रदेश में विस 2022 के चुनाव की सरगर्मियां तेजी से बढ़ रही हैं। सत्तारूढ भाजपा के अलावा अन्य दल कांग्रेस,सपा और बसपा भी सत्ता में वापसी के लिए पूरे दमखम के साथ मैदान में हैं। चुनावी समर में उतरने वाली सभी पार्टियों का जोर इस बार ईमानदार और साफ सुथरी छवि वाले प्रत्याशी को टिकट देने पर जोर हैं।
बसपा भी अबकी बार अपनी छवि को लेकर सतर्कता बरत रही है। मुख्तार अंसारी का टिकट काटकर पार्टी सुप्रीमो मायावती ने यह संकेत दे दिए है कि वे दागदार प्रत्याशी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगी। इसके साथ ही बसपा से टिकट की चाह रखने वाले दावेदार को पार्टी सुप्रीमो के प्रश्नों के जवाब के साथ ही कड़े इंटरव्यू से गुजरना होगा। अगर इंटरव्यू में दावेदार पास हुआ तभी वह पार्टी से टिकट प्राप्त करने का हकदार होगा। इस बार टिकट बंटवारे को लेकर बसपा ने अपना तरीका भी बदल दिया है। पार्टी ने अभी से चुनाव लडऩे के दावेदारों से आवेदन मांगे हैं। आवेदन के लिए बसपा ने जिला स्तर पर एक कमेटी बनाई है। वह कमेटी आवेदन पर विचार कर चुनाव के लिए बनाई कार्यकारिणी के पास भेजेगी। कार्यकारिणी में शामिल नेता आवेदन करने वाले का इंटरव्यू करेंगे। हर विभानसभा से दस आवेदन लिए जा रहे हैं। कमेटी और कार्यकारिणी दस आवेदकों में से आठ को फेल कर दो को पास करेंगीं फिर ये दो आवेदक नेताओं की कुंडली बसपा प्रमुख मायावती के पास पहुंचेगी। वहां से तय होगा कि कौन चुनाव लडऩे के काबिल है।
वरिष्ठ बसपा नेता और कोर्डिनेटर मुनकाद अली ने बताया कि पार्टी साफ-ृसुथरी छवि के लोगों को ही उम्मीदवार बनाएंगी। उन्होंने बताया कि अभी से टिकट फाइनल करने को लेकर तैयारी जोरों पर हैं। जिससे समय से प्रत्याशी अपने क्षेत्र में जाकर चुनाव की तैयारी में जुट जाए और मजबूती से चुनाव लड़ सकें। उन्होंने बताया कि इस बार दलित और ब्राह्मण उत्पीडऩ को पार्टी चुनाव प्रचार में प्रमुखता से उठाएगी।
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