साजिद कुरैशी सरधना


सरधना
(मेरठ) नगर में चौक बाजार के निकट श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में चल रहे जैनियों के दश लक्षण महापर्व पर्युषण के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म का पालन किया गया। उत्तम आर्जव के बारे में बताया गया है कि कपट नहीं करना, माया कपट छोड़ना, सीधा और सरल होना, हमारे मन, वचन, काम में सीधापन होना, यही उत्तम आर्जव धर्म सिखाता है। हम दुनिया को तो सीधा करने में लगे रहते है पर अपने को सीधा करना नहीं सीख पाते है। अपने को ही कर्म, कर्ता और साधक बनाना, एक्त्व की भावना को दूर भगाना यही श्रेष्ठ आर्जव मार्ग है। दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म को श्रमणों का धर्म कहा जाता है। मुनि श्री ने बताया कि जैन धर्म का संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे और भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे। इस अवसर पर सतीश चंद जैन राजीव जैन अरिहंत जैन कुणाल जैन आदिश्वर चंद जैन ऋषभ जैन, डॉ.अमरीश जैन आदि लोग मुख्य रूप से शामिल रहे।

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