साजिद कुरैशी सरधना

सरधना (मेरठ) बुधवार को सरधना क्षेत्र के कुशावली गांव में नीर आदर्श ऑर्गेनिक फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के द्वारा चिराग कृषि फॉर्म पर बासमती निर्यात पर एक कार्यशाला का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र हस्तिनापुर और बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान एपिडा वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया गया।



 कार्यक्रम में मुख्य रुप से पधारे एपिडा के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर रितेश शर्मा ने बताया कि भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बासमती की गुणवत्ता देश में बहुत अच्छी है अतः यहां से बासमती की खेती कर के निर्यात की संभावनाएं बहुत ज्यादा है पूरी दुनिया में यहां की बासमती को पसंद किया जाता है अतः हमारे किसान भाइयों को यूरिया का प्रयोग कम करते हुए अंधाधुंध पेस्टिसाइड्स के प्रयोग पर रोक लगानी होगी और उच्च गुणवत्ता की बासमती पैदा करके मेरठ की बासमती को विश्व पटल पर पहचान दिलाई जा सकती है क्योंकि यहां गंगा क्षेत्र का पानी मिट्टी बासमती के लिए अत्यंत अनुकूल है डॉक्टर गोपाल सिंह संयुक्त निदेशक प्रसार ने बासमती की खेती में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालय के द्वारा किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से चर्चा की और आश्वासन दिया कि बासमती के किसानों को किसी भी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी नाबार्ड के डीडीएम रुचित उप्पल ने कहा कि नाबार्ड लगातार एफपीओ बना रहा है और सरधना क्षेत्र को बासमती के लिए चिन्हित किया गया है एवं यहां बने नीर आदर्श ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी एफपीओ को शीघ्र ही अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराकर यहां से निर्यात कराने के लिए प्रयास किया जाएगा कार्यक्रम में मेरठ के उप कृषि निदेशक डॉ बृजेश कुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी कृषि विज्ञान केंद्र हस्तिनापुर के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ ओमवीर सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए आज के इस कार्यक्रम का महत्व बताते हुए कहा कि भारत के अमृत महोत्सव के तहत बासमती की यह कार्यशाला एपीड़ा के सहयोग से लगाई जा रही है और बासमती की खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र लगातार किसानों को प्रशिक्षित करता रहेगा कार्यक्रम में डॉ विकास कुमार ने गन्ना उत्पादन डॉक्टर आशीष त्यागी ने कीटनाशकों का उचित प्रबंधन डॉक्टर अमित कुमार ने पशुओं में विभिन्न रोग एवं दुग्ध उत्पादन की तकनीक पर विस्तार से व्याख्यान दिए कार्यक्रम में चिराग सीडस  एवं एफपीओ के चेयरमैन विनोद सैनी ने सभी का धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारा यह एफपीओ इस क्षेत्र की बासमती को अलग पहचान देने के लिए निर्यात की ओर कार्य करेगा अभी सरधना बासमती की बीज के लिए जाना जाता है आगे इस एफपीओ के माध्यम से हम बासमती के बीज के साथ-साथ गन्ने से बने उत्पाद जैसे गुड़ शक्कर खान एवं चावल को भी देश में और विदेश में पहचान दिलाने के लिए कार्य करेंगे। एफ पी ओ की डायरेक्टर डा नीरजा शर्मा ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में मुख्य रुप से विनय सैनी श्याम वीर सैनी राम प्रताप रमेश कुमार  अवनीश कुमार श्री धर्मवीर सिंह  देवेंद्र शर्मा  सुनील कुमार आदि का विशेष सहयोग रहा।


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