सुबह से बसों के लिए मारामारी नहीं मिली महिलाओं के लिये सीट
सुबह पांच बजे से ही बसों में जबरदस्त भीड़ देखी गई। 10 और 11 बजे तक हालात बेहद खराब हो गए। बहनें अपने घर जाने के लिए बड़ी संख्या बस अड्डे पर पहुंच चुकी थी लेकिन बसों का कहीं अता.पता नहीं था। जो बसें आ रही थीं उसमें ऐसी जबरदस्त भीड़ थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं दिखाई दी। हाथ में मिठाई का डिब्बा और बैग टांगकर एक बस से दूसरी बस के पीछे महिलाएं भागती देखी गईं। सबसे बुरा हाल दिल्ली,बिजनौर, मवाना और मुजफ्फरनगर रूटों पर था। रोडवेज की इस अव्यवस्था का फायदा डग्गामार बस संचालकों ने खूब उठाया। हालांकि भीड़ इतनी जबरदस्त थी डग्गामार बसें भी कम पड़ गई। रोडवेज बस नहीं मिलने पर यात्रियों से बस अड्डे से बाहर आकर डग्गामार बसों में सफर करने की सोची तो वह भी नहीं मिली।
रक्षाबंधन के त्योहार को देखते हुए ही रोडवेज ने अतिरिक्त इंतजाम करने के दावे किए थे। लेकिन बस अड्डे के हालात बहुत खराब नजर आए। जहां बसों में सवार होने की मारामारी दिखी। वहीं भारी भीड़ ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए। बसों की छतों पर ही नहीं बल्कि ड्राइवर के पास भी लोग बैठे नजर आए। लोगों ने सीट घेरने के लिए खिड़की से भी चढऩे में परहेज नहीं किया।
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