इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में साहित्यकारों ने रखे विचार

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर साहित्यकारों ने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 141वीं जयंती पर स्मरण किया।

इस मौके पर प्रो. राजेन्द्र ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं पाठकों से सीधे जुड़ती हैं, इसके लिए किसी आलोचक की आवश्यकता नहीं पड़ती। इनका साहित्य समाज का यथार्थ है। प्रो. पंकज  ने कहा कि प्रेमचंद सार्वकालिक लेखक हैं। साथ ही उनके उपन्यास गोदान, सेवासदन और निर्मला का ज़िक्र किया। डॉ. कुमार वीरेंद्र  ने प्रेमचंद और इलाहाबाद के अंतर्संबंधों पर अपने विचार रखे।
माल्यार्पण करने वालों में वरिष्ठ कवि-आलोचक प्रोफ़ेसर राजेन्द्र कुमार, विभागाध्यक्ष (राजनीति विज्ञान इविवि) प्रो. पंकज कुमार, विभागाध्यक्ष (हिंदी विभाग रज्जू भैया विश्विद्यालय) डॉ. आशुतोष सिंह, हिंदी विभाग इविवि से आलोचक एसोशिएट प्रो. डॉ. कुमार बीरेंद्र, डॉ. आशुतोष पार्थेश्वर, सीएमपी डिग्री कॉलेज से डॉ. संतोष श्रीवास्तव, पत्रिका प्रयाग पथ के संपादक हितेश कुमार सिंह,  डॉ. अनिल कुमार यादव, शोधार्थी अवनीश यादव, सर्वेश यादव सहित अन्य शोध छात्र उपस्थित रहे।


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