नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ भारत ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। देश में दूसरी स्वदेशी वैक्सीन जायकोव-डी के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है। यह वैक्सीन सितंबर से बाजार में उपलब्ध होगी और इसे 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को लगाया जा सकेगा।
जायडस ग्रुप के प्रबंध निदेशक डॉ. शर्विल पटेल ने शनिवार को प्रेसवार्ता में कहा कि जायडस कैडिला की कोरोना रोधी वैक्सीन जायकोव-डी की कीमत को लेकर अगले हफ्ते तक स्थिति साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा है कि कंपनी सितंबर के मध्य में इस वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर देगी। अक्टूबर से हर महीने एक करोड़ वैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा। कंपनी की योजना सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की है।
डॉ. पटेल ने कहा कि हमारी कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी 66 प्रतिशत तक असरदार है। यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी 66 प्रतिशत तक प्रभावी है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन को 25 डिग्री सेल्सियस पर तीन महीने के लिए रखा जा सकता है। हमारी कोशिश है कि आने वाले कुछ दिनों में 30 से 50 लाख वैक्सीन डोज बना ली जाएं और अक्टूबर से एक करोड़ डोज प्रति महीने उत्पादन की कोशिश है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन के ट्रायल में 28000 वालंटियर भाग ले चुके हैं। 50 से ज्यादा लोकेशन पर ट्रायल किया गया है। पहले और दूसरे ट्रायल के नतीजों को साइंटिफिक रिसर्च और स्क्रूटनी के लिए लैंसेट में पब्लिश किया जा चुका है। तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे आने में 2 से 3 महीने का वक्त लगेगा। अभी तक ट्रायल में 12 साल से अधिक आयु के सभी वॉलिंटियर भाग ले चुके हैं, जबकि 1400 बच्चों ने जिनकी आयु 12 साल से कम है ट्रायल के लिए आवेदन दिया है। डेल्टा वैरीएंट के खिलाफ हमारी वैक्सीन 66 प्रतिशत इफेक्टिव है। 12 और 18 साल की आयु वर्ग में एंटीबॉडी लेवल अधिक रहा है। 

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