5 हजार में दोमुही तो 11 हजार में काला सांप    

मेरठ। सावन का महीना भगवान शिव की अराधना का होता है। इस एक महीने में की जाने वाली पूजा कई प्रकार के ग्रह नक्षत्रों के दोषों को दूर करने के लिए काफी होती है। सावन के महीने में काल सर्प दोष और राहु—केतु दोष को दूर करने वाली भी पूजाएं की जाती या करवाई जाती है। शास्त्रों में काल सर्प दोष को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के सर्पों की पूजा का विधान बताया गया है। इन्हीं में से एक विधान है जिंदा सांप के साथ उसकी विधि—विधान से पूजा और फिर उसको जंगल में छोड़ देना। आजकल इन्हीं कारणों से जिंदा सांपों की डिमांड काफी अधिक बढ़ जाती है। लोग गुपचुप तरीके से इन सांपों को खरीदते हैं फिर इनको जंगल में छ़ोड़ देते हैं।  
सावन के महीने में बढ़ जाती है सपेरों की पूछ
मेरठ में गढ रोड पर एक गांव और हस्तिनापुर ब्लॉक में कई गांव ऐसे हैं जहां सपेरे निवास करते हैं। सांप को पकड़ने और उनकी प्रजातियों को पहचानने में माहिर ये सपेरे पंडित द्वारा बताए गए प्रजाति के सांप को पकड़ यजमान को सौंप देते हैं। लोग जीवित सांप के साथ पूजा-पाठ और अनुष्ठान करने के बाद जीवित सांप को जंगल में छोड़ देते हैं।  
ऑनडिमांड होती है सांपों की सप्लाई 
सपेरे ऑनडिमांड सॉपों की सप्लाई करते हैं। गढ रोड स्थित गांव के रहने वाले एक सपेरे ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास सावन के शुरूआती दिनों से ही सांप खरीदने के लिए फोन आने शुरू हो जाते हैं। लेकिन जो उनके पास आता है और एडवांस देकर जाता है उसी के लिए वे सांप की व्यवस्था करते हैं। उसने बताया कि दोमुंही सांप की कीमत 5 हजार रुपये और काले सांप की कीमत 10 से 11 हजार के बीच होती है।

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