मरीजों को सप्ताह में तीन दिन दे रहे हैं अपने अनुभव का लाभ


मेरठ, 16 जुलाई 2021 । मेरठ मंडल के अपर निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डा. राजकुमार जिला अस्पताल में जबकि अन्य कई अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओपीडी कर रहे हैं। अधिकारी अपने ओपीडी के अनुभव से खुश हैं। उनका कहना है कि अब उनकी विधा का सही प्रयोग हो रहा है और उनके चिकित्सकीय अनुभव का लाभ मरीजों को मिल रहा है। बता दें कि अधिकारी स्तर के चिकित्सकों के ओपीडी करने से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर व्यवस्था स्वत: दुरुस्त होने लगी हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रशासनिक विभाग में बैठे चिकित्सा अधिकारियों को सप्ताह में तीन दिन सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओपीडी करने का आदेश जारी किया था। इसी क्रम में अपर निदेशक डा. राजकुमार भी जिला अस्पताल में तीन दिन ओपीडी कर रहे हैं। वह टीबी विभाग में मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श दे रहे हैं।
   डा. राजकुमार ने बताया जब से आदेश आया है तभी से वह सप्ताह में तीन दिन जिला अस्पताल में टीबी के मरीजों को परामर्श दे रहे हैं। उन्होंने कहा ओपीडी करने पर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है। उनके चिकित्सकीय अनुभव का लाभ मरीजों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक पदों पर बैठे सभी चिकित्सकों को भी ओपीडी करनी चाहिए, जिससे उनके अनुभवों का लाभ मरीजों मिल सके। उन्होंने बताया मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय (सीएमओ) में तैनात कई अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओपीडी कर रहे हैं। डा. प्रवीण गौतम, डा. अशोक तालियान, डा. विश्वास चौधरी, डा. पूजा शर्मा सहित कई अन्य चिकित्सक सप्ताह में तीन दिन मवाना हस्तिनापुर, खरखौदा, जानी, दौराला, सरधना सरूरपुर सीएचसी पर ओपीडी कर रहे हैं। डा. राजकुमार ने बताया वह जिस दौरान मेरठ के सीएमओ थे तब भी वह समय समय पर ओपीडी करते थे। उनका कहना है कि मरीजों को देखना सुखद अनुभव है। एक चिकित्सक के लिये डिग्री हासिल करना ही काफी नहीं बल्कि लोगों की सेवा करना जरूरी है। इसी भाव से वह ओपीडी करने से गुरेज नहीं करते हैं।  
 बनी रहती है साफ सफाई
  स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा सप्ताह में तीन दिन ओपीडी करने से वहां साफ-सफाई व अन्य व्यवस्था दुरुस्त बनी रहती हैं। जिला अस्पताल में अपर निदेशक के ओपीडी करने से जिला अस्पताला में व्यवस्था पूरी तरह चॉक चौबंद रहती है। ओपीडी करने के साथ-साथ अपर निदेशक जिला अस्पताल का निरीक्षण भी करते हैं।

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