भारत- तिब्बत सहयोग  मंच का भगवान शिव व कैलाश मानसरोवर पर वेबिनार का आयोजन

 

मेरठ। भारत-तिब्बत सहयोग मंच मेरठ प्रांतÓ की ओर से पहला वेबिनार  श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना और कैलाश मानसरोवर मुक्ति संकल्प के विषय पर आयोजत किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता भारत तिब्बत सहयोग मंच के उपाध्यक्ष स्वामी दिव्यानन्द , भारत तिब्बत के केंद्रीय समन्वयक जिग्मेय ला, डॉ सन्दीप चौधरी रहे ।
मंच के केंद्रीय समन्वयक जिग्मेय ला ने कहा कि कैसे चीन लगातार तिब्बत के लोगों पर अत्याचार कर रहा है । उन्होंने बताया कि कैसे परमपावन दलाई लामा जी को अपने कुछ अनुयायियों के साथ भारत मे आकर शरण लेनी पड़ी । साथ ही उन्होंने बताया कि अबतक 150 से ज्यादा तिब्बती युवाओं ने तिब्बत की मुक्ति के लिये आत्मदाह की है । भारत तिब्बत सहयोग मंच के उपाध्यक्ष स्वामी दिव्यानन्द  ने श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना के महत्व एवं भोलेनाथ के बारे में रोचक तथ्य बताये उन्हीने बताया की भगवान शिव का कोई माता.पिता नहीं है। उन्हें अनादि माना गया है मतलब जो हमेशा से था जिसके जन्म की कोई तिथि नही। कथक, भरतनाट्यम करते वक्त भगवान शिव की जो मूर्ति रखी जाती है उसे नटराज कहते है। किसी भी देवी.देवता की टूटी हुई मूर्ति की पूजा नही होती, लेकिन शिवलिंग चाहे कितना भी टूट जाए फिर भी पूजा जाता है ।हम शिवरात्री इसलिए मनाते है क्योंकि इस दिन शंकर.पार्वती का ब्याह हुआ था। शंकर भगवान की एक बहन भी थी अमावरी जिसे माता पार्वती की जिद्द पर खुद महादेव ने अपनी माया से बनाया था ।भगवान शिव और माता पार्वती का 1 ही पुत्र था. जिसका नाम था कार्तिकेय गणेश भगवान तो मां पार्वती ने अपने उबटन शरीर पर लगे लेप से बनाए थे । भगवान शिव ने गणेश  का सिर इसलिए काटा था क्योकिं गणेश ने शिव को पार्वती से मिलने नही दिया था। उनकी मां पार्वती ने ऐसा करने के लिए बोला था। शिवलिंग पर बेलपत्र तो लगभग सभी चढ़ाते है लेकिन इसके लिए भी एक ख़ास सावधानी बरतनी पड़ती है कि बिना जल के बेलपत्र नही चढ़ाया जा सकता । शंकर भगवान और शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नही चढ़ाया जाता। क्योकिं शिव ने शंखचूड़ को अपने त्रिशूल से भस्म कर दिया था ।
प्रांत अध्यक्ष डॉ सन्दीप चौधरी ने कहा कि श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को समर्पित मास है, और भगवान भोलेनाथ का स्थायी निवास कैलाश मानसरोवर आतताई चीन के कब्जे में है। इसलिए हम सभी को पूरे श्रावण मास कैलाश मानसरोवर मुक्ति अभियान को और अधिक धार देनी है। उन्होंने कहा कि छोटी.छोटी टोलियाँ बनाकर मंच के कार्यकर्ताओं को मंदिरों, घरों एवं सार्वजनिक स्थानों पर जाकर लोगों को संकल्प दिलवाना हैण् साथ ही मंच के कार्यों, उद्देश्यों, गतिविधियों और मिशन से आम जन को अवगत कराना है ।वेबिनार का संचालन डॉ नीरज करण सिंह ने किया और तकनीकी सहयोग विशाल सहाय ने किया ।


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