- ‘‘एल्यूमनी कनेक्ट’’ ऑनलाइन कॉरपोरेट एक्सपोजर की श्रृंखला में छात्रों को सदैव आगे बढ़ने को प्रेरित किया


मेरठ। 
आईआईएमटी विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित की जा रही ‘‘एल्यूमनी कनेक्ट’’ ऑनलाइन कॉरपोरेट एक्सपोजर की श्रृंखला में श्री धनंजय तोमर, हेड क्वालिटी एश्योरेंस, तोशिबा डेंसो सुजुकी, गुजरात, श्री अनिल कुमार सिंह, एंटरप्रेन्योर एआईएनएक्सटी और श्री नितेश मिश्रा, सहायक इंजीनियरिंग प्रबंधक, एल एंड टी चेन्नई के साथ लाइव इंटरव्यू सेशन का आयोजन किया। धनंजय ने 2002-06 बैच में बी.टेक (एमई) किया है जबकि अनिल कुमार सिंह बी.टेक सीएसई शाखा 2001-05 बैच के छात्र रहे हैं और नितेश मिश्रा ने बैच -2006-10 से ईएन ब्रांच के साथ बी.टेक किया है।
जनवरी २००६ में एक बीमा एजेंट से शुरू होकर अनिल कुमार सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटाबेस टेक्नोलॉजीज और मशीन लर्निंग के साथ 14 वर्षों के अनुभव के साथ यहां तक की लंबी यात्रा की थी। एआई और एमएल में आईआईटी सर्टिफाइड होने के कारण, अनिल हमेशा कुछ इनोवेटिव करना चाहते थे और अपना उद्यम एआई नेक्स्ट शुरू किया। श्री धनंजय तोमर वर्तमान में गुणवत्ता आश्वासन के प्रमुख के रूप में तोशिबा डेंसो सुजुकी के साथ काम करते हुए नई परियोजना गुणवत्ता विकास, गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली और बाजार गुणवत्ता टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
दोनों वक्ताओं ने सफलता के उच्चतम शिखर को प्राप्त करने के लिए अपने कौशल को विकसित और गतिमान करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को पायथन, डेटा साइंस, एआई और एसक्यू सर्वर का बुनियादी ज्ञान सीखने के लिए कहते हैं। वहीं नितेश मिश्रा ने बताया कि कैसे आईआईएमटी ने उन्हें एक वास्तविक पेशेवर बनने में मदद की। उन्हें अभी भी माननीय कुलाधिपति सर का उन्मुखीकरण भाषण याद है जब उन्होंने प्रवेश लिया था, उनके द्वारा बोले गए प्रत्येक वाक्य ने उन्हें सफलता के लक्ष्य के लिए और अधिक दृढ़ संकल्प से भर दिया। आईआईएमटी का पूरा वातावरण उनकी सकारात्मकता को जोड़ता है। उन्होंने मौजूदा बैच के छात्रों को उनके साथ संपर्क में रहने की पेशकश की और उन्हें अपने नेटवर्क से विभिन्न कंपनियों में कम से कम 10 इंजीनियरिंग छात्रों को प्लेसमेंट प्रदान करने का वादा किया।
 सुश्री हर्षिता खुराना ने साक्षात्कार सत्र का संचालन किया। डॉ गरिमा सिन्हा और श्रीमती पूजा शर्मा ने प्रो वीसी डॉ सतीश बंसल के मार्गदर्शन में गतिविधि का आयोजन किया। सलाहकार डॉ. दीपा शर्मा, निदेशक डॉ संजीव माहेश्वरी और प्रोफेसर हरिओम शर्मा ने उनके सफल भविष्य की कामना की।

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