जनसंख्या स्थिरता पखवाडा पर  महिला   चिकित्सलय के कार्यक्रम का आयोजन 


 मेरठ। प्रदेश में योगी सरकार द्वारा जनसंख्या विधेयक २०२१ के लागू होने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर ध्यान केन्द्रित कर दिया है। इसी परिपेक्ष में मेरठ समेत प्रदेश भर में रविवार से जनसंख्या स्थिरता पखवाडा आंरभ हो गया।। मेरठ के महिला जिला चिकित्सालय में इसका शु्रभारंभ परिवार नियोजन नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा पूजा शर्मा व महिला जिला चिकित्सालस की प्रभाारी डा मनीषा अग्रवाल ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान परिवार नियोजन संबधी वहां पर आये दंपत्तियों को जानकारी देेने के साथ सीमित परिवार के फायदे व आर्थिक लाभ बताये गये । 
   कार्यक्रम में बोलते हुए परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी डा पूजा शर्मा ने कहा कि किसी भी देश का विकास वहां की जनसंख्या परा निर्भर करता है। अगर जनसंख्या  सिमित होती को देश का विकास भी तेजी से होगा। उन्होने बताया वर्तमान समय में कोरोना काल में लोगों को रोजगार छिन रहा है। ऐसे में परिवार नियोजन को अपनाने का तरीका सबसे बेहतर साबित हो सकता है। उन्होने बताया अगर परिवार सिमित होगा तो दंपत्ति भी खुशहाल जीवन व्यतीत सकेंगे। उन्होंने बताया प्रदेश में जनसंख्या विधेयक २०२१ आने वाला है। जिसके तहत दो वाले परिवारों को सरकार की ओर से लाभ मिलेगा मसलन सरकार उन कर्मचारियों को पदोन्नति , वेतन वृद्घि ,आवास योजनाओं में रियासते और अन्य भत्ते देगी। जो जनसंख्या नियंत्रण मानदंडो का पालन करेंगे। जिनके दो या उससे कम बच्चे है। दो संतानों के मानदंड को अपनाने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्घि ,पूरे वेतन और अन्य भत्तें के साथ १२ महीने मातृत्व या पितृत्व अवकाश और राष्टï्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता अंशदान में तीन प्रतिशत की वृद्घि मिलेगी। इस दौरान उन्होनें वहां पर आये दंपति को परिवार नियोजन के बारे में विस्तृत रूप से बताया कि परिवार नियोजन के कितने फायदे है। इसके अतिरिक्त उन्होने परिवार नियोजन के अन्र्तगत आने वाले साधन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। 
 महिला जिला चिकित्सालय की प्रभारी डा मनीषा अग्रवाल ने बताया किसी भी परिवार का सुखी जीवन तभी सफल हो सकता है जब वह परिवार नियोजन का अपनाये । उन्होनें बताया विभाग की ओर से चलाये जा रहे अभियान से लोगों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता फैली है। यही कारण है परिवार नियोजन के मामले में मेरठ का यूपी में पहला नम्बर गत वर्ष रहा है। 
  परिवार नियोजन के विशेषज्ञ जितेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में प्रति वर्ष 60 हजार  से 70  हजार प्रसव होते है। अत: प्रसव पश्चात परिवार नियोजन पर ध्यान दिया जाना अत्यन्त आवश्यक है। जिसके द्वारा 60 हजार से 70 हजार महिलाओं को परिवार नियोजन के  द्वारा उनके व उनके बच्चे के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। जिससे बच्चों को कुपोषण एव महिलाओ को बार बार आंवछित गर्भ धारण से बचाया जा सकेगा। 


कार्यक्रम में मौजूद रही चिकित्सको , एएनएम आदि कर्मचारियों को जनसंख्या स्थिरता पखवाडे के दौरान अधिक से अधिक महिलाओं व दंपत्तियों को इसके बारे जानकारी देने के  लिये कहा गया। इस मौके पर सीएमओ कार्यालय से फैमिली प्लानिंग के विशेषज्ञ जितेन्द्र कुमार , मंडलीय  फैमिली प्लानिंग मैनेजर अखिलेश कुमार, फैमिली प्लानिंग काउन्सलर मुकेश रानी, पीएसआई से कौमल व अस्पताल  का अन्य  स्टॉफ , ग्रामीण समाज विकास केन्द्र की प्रो्रग्राम रिसर्च अधिकारी व सीफॉर के डिस्ट्रिक कोर्डिनटर मौजूद रहे। 
  ग्रामीण समाज विकास केन्द्र के सचिव मेहर चंद ने सीमित परिवार को सराहा 
 ग्रामीण समाज विकास केन्द्र के सचिव मेहर चंद ने प्रदेश में जनसंख्या विधेयक को लेकर अपने बेबाक राय में बताया है। यह प्रदेश के विकास में एक अच्छा कदम है। इससे परिवार  के विकास के साथ प्रदेश का भी विकास होगा। यह प्रदेश के मील का पत्थर साबित होगा। 

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