एसआईटी जांच को लेकर दायर की याचिका


नई दिल्ली (एजेंसी)। पेगासस कथित जासूसी विवाद को लेकर देश में सियासी बवाल मचा हुआ है। इस्राइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये कार्यकर्ताओं, नेताओं, पत्रकारों और संवैधानिक पदाधिकारियों की कथित जासूसी की बात सामने आने के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है। मानसूत्र सत्र में भी इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। वहीं अब पेगासस मामले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मोहन लाल शर्मा भी एसआईटी जांच की मांग को लेकर याचिका दायर कर चुके हैं।  
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता और राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने इस्राइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये कार्यकर्ताओं, नेताओं, पत्रकारों और संवैधानिक पदाधिकारियों की कथित जासूसी के संबंध में अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
ब्रिटास ने रविवार को एक बयान में कहा कि बहुत गंभीर प्रकृति के बावजूद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को लेकर आरोपों की जांच कराने संबंधी परवाह नहीं की है। इसलिए, इस संबंध में संसद में प्रश्न उठाए गए थे, लेकिन सरकार ने स्पाईवेयर द्वारा जासूसी से न तो इनकार किया और न ही स्वीकार किया है।
ब्रिटास ने रविवार को यह भी दावा किया कि आरोपों से दो निष्कर्ष निकलते हैं, या तो जासूसी सरकार द्वारा या फिर किसी विदेशी द्वारा जासूसी की गई। उन्होंने कहा कि यदि यह सरकार द्वारा किया गया तो यह अनधिकृत तरीके से किया गया।
क्या है मामला?
हाल ही में मीडिया में आईं खबरों में दावा किया गया था कि पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल मंत्रियों, नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों समेत करीब 300 भारतीयों की निगरानी करने के लिए किया गया। इससे देश में एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है।

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