कानपुर। फर्जीवाड़ा की गम्भीर घटना के मामले की मामूली धाराओं में चार्जशीट दाखिल करने पर एसीपी नजीराबाद ने एक दारोगा की जांच शुरू करा दी है।
मामला अंतर्राज्यीय जालसाज राजेश गुप्ता, रीशा गुप्ता से जुड़ा है। इसका मुकदमा नजीराबाद थाना में दर्ज है। उक्त वाद में तत्कालीन विवेचक ने भ्रष्ट हथकण्डे अपना कर गम्भीर धाराओं को हटा दिया था। शहर के तेजतर्रार एसीपी नजीराबाद के समक्ष आरोप पत्र प्रस्तुत होने पर उन्होंने मामले की पुनर्विवेचना कराकर सम्बंधित विवेचक के खिलाफ जांच के आदेश दे दिया।
विदित हो कि शहर के सेंटर पार्क कालोनी निवासी अंतर्राज्यीय जालसाज राजेश गुप्ता एवम रीशा गुप्ता ने अपनी बेटी आयुषी गुप्ता के साथ मिल कर सैटर्न ऑर्गनिक के पार्टनर शशांक दीक्षित के एचडीएफसी बैंक से फर्म के खाता की चेकों पर जाली हस्ताक्षर कर लाखों रुपये अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर लिया था पीड़ित को इसकी जानकारी होने पर उसने मामले का वाद थाना नजीराबाद में दर्ज कराया था।
इस मामले की विवेचना आरके नगर चौकी प्रभारी सुरजीत सिंह कर रहे थे। इसी बीच विवेचक का स्थानांतरण गैरजनपद हो गया, लेकिन प्रभार छोड़ने से पहले विवेचक दारोग़ा ने आरोपियों को बचाने के लिए खेल कर गए। उन्होंने फर्जीवाड़ा की गम्भीर धाराओं का लोप कर दिया।साथ ही मामले का आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया।
बताते हैं जब न्यायालय अग्रसित करने के लिये आरोपपत्र अपर पुलिस आयुक्त नजीराबाद बाद के समक्ष पेश किया गया तो उन्होंने मामले में दारोगा की चालबाजी पकड़ ली और वाद की पुनः विवेचना करा दी। धाराओं में खेल करने वाले तत्कालीन विवेचक के खिलाफ जांच शुरू कर दी गयी है। इस समय जालसाज राजेश गुप्ता मप्र की जेल में है, जबकि उसकी पुत्री और पत्नी फरार चल रही हैं।
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