चित्रकला विभाग में प्रदर्शनी का आयोजन
चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती पर किया गया नमन


मेरठ। देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखे अपने लिए तो सब करते हैं देश के लिए कुछ करें आज का दिन बहुत ही गौरव का दिन है चंद्र शेखर आजाद ने स्वयं के लिए नहीं बल्कि देश के लिए अपना शरीर न्योछावर कर दिया सबको साथ लेकर चलना उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी यह बात आजादी के अमृत महोत्सव की संख्या में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी के दौरान मुख्य अतिथि कार्य परिषद के सदस्य डॉ दर्शन लाल अरोड़ा ने कही।



क्रांतिकारियों का रोम-रोम ऋणी है
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर वाई विमला ने कहा कि क्रांतिकारियों का रोम-रोम ऋणी हैं हम जिनके कारण हम आज स्वतंत्र भारत में सांस ले पा रहे हैं उन्होंने हमारे देश को आजाद करा कर स्वर्ग बना दिया बलिदान को शत-शत नमन हमारे लिए चिर वंदनीय चिर स्मरणीय है क्योंकि उनके कार्य महान थे हमारे संस्कारों में है क्रांतिकारियों की वीर गाथाएं हैं आज के युग में हम बेशक कह रहे हैं कि हम आगे बढ़ रहे हैं लेकिन इन लोगों को याद किए बिना हमारा विकास का कोई अर्थ नहीं है यदि हम अपने गौरव को याद नहीं कर पा रहे हैं तो मानो हम अपने आप को दिखा रहे हैं हमारा अस्तित्व सदा इनका ऋणी रहेगा।
चित्रकला प्रदर्शनी कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा ने कहा कि शिक्षकों का बहुत बड़ा कार्य है विद्यार्थियों को संस्कारित करना उनके जीवन में क्या अच्छे कार्य हो सकते हैं इसके लिए उन को प्रेरित करना अपना भरण पोषण अपने परिवार का भरण पोषण करना यह हमारी प्रवृत्ति है इससे बड़ी प्रवृत्ति यह है कि जिसके कारण हमारा सामाजिक राष्ट्रीय वह मानवता जीवन बहुत अधिक धनात्मक रूप से प्रभावित होता है वह बड़ी प्रवृत्ति है त्याग और बलिदान बलिदान और त्याग के कारण ही चंद्र शेखर आजाद को हम स्मरण कर रहे हैं नमन कर रहे हैं भारतीय चिंतन में प्रारंभ से ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विचार की भिन्नता को प्रमुखता प्रदान की गई है इतिहास की पुस्तकों में जो पढ़ाया है उससे कहीं अधिक बड़ी सच्चाई है कि ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में क्रांति धरा जब वही उसके कारण ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश होना पड़ा उस समय देश में दो दल थे एक नरम दल और एक गरम दल नरम दल का सोचना था कि देश को आजाद कराने के लिए अहिंसा ही सबसे बड़ा हथियार है जबकि गरम दल का सोचना था कि जो हमारे देश पर शासन कर रहे हैं इन दोस्तों को परास्त करने के लिए सर्वस्व बलिदान कर ना ही पड़ेगा यह देश उन बलिदानों के प्रति कृतज्ञ हैं जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना सबकुछ समर्पित कर दिया उसी के कारण ही आज हम उनको स्मरण कर रहे हैं नमन कर रहे हैं युवाओं को उनके बलिदान से प्रेरणा लेते हुए देश के लिए क्या कर सकते हैं ऐसा सोचना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर आराधना गुप्ता ने करा इस दौरान कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह कुलानुशासक प्रोफेसर वीरपाल सिंह कार्यवाहक वित्त अधिकारी प्रोफेसर हरे कृष्णा प्रोफेसर राकेश गुप्ता प्रोफेसर नीलू जान गुप्ता प्रोफेसर बिंदु शर्मा प्रोफेसर अजय विजय कौर प्रोफेसर विग्नेश त्यागी कार्यक्रम की संयोजक डॉ अलका तिवारी डॉ विवेक कुमार त्यागी डॉ पूर्णिमा वशिष्ठ डॉ प्रदीप चौधरी डॉ योगेश मोरल प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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