नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस को अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू के के रूप में नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की संभावना है। सिद्धू के साथ ही प्रदेश में दो अन्य कार्यकारी अध्यक्ष होने की भी उम्मीद है। कांग्रेस एक दलित और एक उच्च वर्ग से संबंध रखने वाले हिंदू को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के विचार पर काम कर रही है। कार्यकारी अध्यक्ष के लिए राज कुमार वेरका और संतोख चौधरी के नामों पर विचार किया जा रहा है, क्योंकि दोनों दलित हैं और अकाली दल-बसपा गठबंधन के प्रभाव का मुकाबला कर सकते हैं।
हिंदू समुदाय से एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का उद्देश्य समीकरण को अच्छे से संतुलित करना हो सकता है और इस दिशा में काम करते हुए पार्टी विजय इंदर सिंगला को एक और कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त कर सकती है। इतना ही नहीं, पार्टी चुनाव से पहले राज्य में मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और राज्य में दलित समुदाय को अधिक प्रतिनिधित्व देने पर विचार कर रही है।
पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन राज्य में समीकरण को संतुलित करने के लिए पार्टी सिद्धू को एक प्रमुख पद पर नियुक्त करने के फामूर्ले पर काम कर रही है, जबकि अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि वह आलाकमान का जो भी फैसला होगा, उसका पालन करेंगे।
रावत ने कहा, पार्टी दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति के फामूर्ले पर काम कर रही है और चुनाव मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को उनकी टीम में दो कार्यकारी अध्यक्षों के साथ पार्टी के राज्य प्रमुख का पद मिलने की संभावना है और अमरिंदर सिंह चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। आधिकारिक घोषणा जल्द ही होने वाली है।
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद फॉमूर्ला तैयार किया गया है।
क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू, जिन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए हैं, ने हाल ही में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी से मुलाकात कर राज्य में राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की थी।
पंजाब कांग्रेस में मुद्दों को सुलझाने के लिए गठित पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। अमरिंदर सिंह और सिद्धू सहित राज्य के अन्य नेताओं ने भी अपने विचार रखने के लिए समिति के सदस्यों से मुलाकात की थी।

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