मास्क और सैनिटाइजर भी भूले लोग
 तीसरी लहर के लिए लापरवाही हो सकती है बहुत घातक

मेरठ। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब पूरी तरह से थम गई है। लेकिन इसके थमते ही लोगों ने फिर से पुरानी वाली लापरवाही दोहरानी शुरू कर दी है। बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क के लोग घूम रहे हैं। सैनिटाइजर भी लोग प्रयोग नहीं कर रहे। लोगों की ये लापरवाही तीसरी लहर के लिए बहुत घातक हो सकती है।
      बता दें कोरोना के संक्रमण के पीक होने पर अप्रैल और मई में पहले लोग घर से बाहर निकलने से पहले एक नहीं बल्कि दो मास्क लगा रहे थे। कोई भी चीज छूने के बाद हाथों को सैनिटाइज कर रहे थे। अब लोग पूरी तरह लापरवाह हो गए हैं। दो तो छोडि़ए अब लोग एक भी मास्क नहीं लगा रहे हैं। लापरवाही का आलम इससे समझ सकते हैं कि बाजार में मास्क और सैनिटाइजर की डिमांड आधी घट गई है। बाजारों में कुछ ही लोग सिर्फ मास्क का प्रयोग कर रहे है।



पिछले साल जब कोरोना आया तो मास्क और सैनटाइजेशन को ही कोरोना से बचाव का तरीका माना गया। पहली लहर में लोगों ने मास्क और सैनिटाइजेशन के दम पर जंग भी जीती। मगरए, दूसरी लहर के आने तक लोग लापरवाह हो गए थे। ऐसे में दूसरी लहर में कोरोना वायरस ने लोगों को अपनी चपेट में लिया। संक्रमण फैलने पर लोगों ने बचाव को डबल मास्क पहने। बार.बार हाथों को सैनिटाइज किया। यही कारण था कि अप्रेल और मई में मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री 10 गुना तक बढ़ गई थी। एन.95 और सर्जिकल मास्क की बाजार में कमी हो गई थी। मगर, अब हालात फिर से पहले जैसे हो गए हैं। बाजारों में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। इसका असर सैनिटाइजर और मास्क की खपत पर भी दिख रहा है। जून माह में मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री आधी से कम हो गई है। ड्रग.कैमिस्ट एसोसिएशन के  के महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया कि अप्रैल और मई में मास्क और सैनिटाइजर की मांग अचानक बढ़ गई थी। आर्डर के बाद भी माल नहीं मिल रहा था। मगरए जून माह में फिर पहले जैसी स्थिति हो गई है। उन्होंने बताया कि अप्रैल और मई के तुलना में जून में मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री आधी हो गई है। लोग अब कोरोना संक्रमण के प्रति फिर से लापरवाह होने लगे हैं। जो कि बहुत ही गलत संकेत हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी कम हुआ है खत्म नहीं हुआ।
दाम भी हुए कम
रजनीश कौशल ने बताया कि अप्रैल और मई में सर्जिकल आइटम के दामों में तीन गुना तक दाम बढ गए थे। ट्रिपल लेयर मास्क थोक में एक रुपये था, जो वो 5 रुपये का हो गया था। इसी तरह एन.95 मास्क भी 30 रुपये से 60 रुपये तक हो गया था। पल्स आक्सीमीटर और थर्मामीटर के दाम तो चार गुना तक पहुंच गए थे। मगरए अब इनके दामों में गिरावट आ गई है।
सावधानी बरतने के प्रति हुए लापरवाह
कोरोना की शुरुआत में दिन में बार.बार सैनिटाइजर से हाथ साफ करते थे। कोई भी चीज छूने के बाद सैनिटाइजर लगाते थे। हर जगह गेट पर सैनिटाइजर रखा मिलता था। धीरे.धीरे समय गुजरने के साथ लोग थोड़े से बेफ्रिक हो गए हैं। अब बार.बार हाथ सैनिटाइज नहीं हो रहा है। न ही घरों में बार.बार साबुन से हाथ धो रहे हैं।
    अपर निदेशक स्वास्थ्य डा राजकु मार का कहना है कि लोगों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अगर सैनिटाइजर नहीं है तो घर में थोड़ी देर बाद साबुन से हाथ जरूर धोते रहना चाहिए। साबुन से हाथ धोने से कोई नुकसान भी नहीं है। घर से बाहर निकलते समय मास्ट व दो गज की दूरी आवश्य बनाए रखे। इसी में हम सब की भलाई है।

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