कई दिनों से बबली कुछ अनमनी-सी रहने लगी थी। बात बात में भड़क जाती थी। बात-बात पर झुंझलाहट, चिड़चिड़ापन कभी बच्चों से लडऩे लगती तो, कभी पति से। पति की समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि आखिर बबली जैसी गंभीर पत्नी चंद्रामुखी से अचानक रौद्रमुखी कैसे बन गई। कुछ दिनों में हरकतें ऐसी हो गई मानो वह पागल हो गई है। लाख पूछने पर भी प्रॉब्लम नहीं सुनाती थी। डॉक्टरों को दिखाया। कोई बीमारी जांच में उजागर नहीं हुई। लोगों के कहने पर बाबा के आश्रम भी गए। लौटने पर ऐसी भड़की कि कुछ ही देर में अड़ोस-पड़ोस जुट गया। अचानक पतिदेव ने दफ्तर की छुट्टियां ली और बबली को लेकर सात दिन के लिए महाबलेश्वर चले गए। वहां शादी के 20 वर्ष बाद तबियत से हनीमून पार्ट-टू सेलिब्रेट किया। लौटने पर व्यवहार में गजब का बदलाव आ गया। परिवार के सभी सदस्य हैरान थे कि आखिर कौन सा चमत्कार हो गया। चमत्कार क्या हुआ, यह बबली जानती थी और जान गए उनके पतिदेव। बड़ी मुश्किल से सहेलियों को बबली ने महाबलेश्वर की यात्रा का सच समझाया। सेक्स की ऐसी ही अनेक समस्याओं से 30 से 40 प्रतिशत महिलाएं गुजर रही हैं। उनके परिवार में अशांति है। कहने का मतलब साफ है कि सेक्स समस्याओं की अनदेखी घातक सिद्ध हो सकती है। मालती का किस्सा बबली से पूर्णतया विपरीत था। मालती दिखने में काफी सुंदर है। फिगर भी ठीक है। पति भी लट्टू हैं किन्तु पता नहीं मालती की सेक्स में तनिक भी रूचि नहीं है। पति ने छुआ नहीं कि उन्हें छिड़क देती और दूर रहने लगे तो भड़क उठती। पूरा घर परेशान हो उठा। धीरे-धीरे मालती का चिड़चिड़ा स्वभाव इतना बिगड़ गया कि एक दिन पति ने तंग आकर आत्महत्या कर ली। मालती के स्वभाव में अन्तर नहीं आया। बच्चे दादा-दादी के पास चले आए जबकि मालती मायके लौट आयी। भाई-भाभी उसकी हरकतों से त्रस्त हो गए हैं। मालती पति की मौत का कारण स्वयं को मानती तो है किन्तु यह सच कबूल करने को तैयार नहीं। मालती की परेशानी यह थी कि उसके शारीरिक संबंध किसी रिश्तेदार से थे। विवाह के बाद वह रिश्तेदार मालती को तो आसानी से भूल गया किन्तु मालती उसके साथ शारीरिक संबंध के सुख को नहीं भुला सकी। यही वजह थी कि उसे पति के साथ शारीरिक सुख में कभी संतुष्टि नहीं मिली। यौन समस्याओं के कई कारण होते हैं। हार्मोंस में बदलाव, भावनात्मक समस्याएं,सेक्स संबंधी किसी बुरी घटना की याद भी यौन समस्याएं पैदा होती हैं। कभी-कभी गायनेकोलॉजिकल प्रॉब्लम भी सेक्स की इच्छा में कमी ला देते हैं। जरूरी है यौन समस्याओं को समझना और पहचानना। जरूरी है पति के साथ आदर के संबंध। सिर्फ सेक्स से सब कुछ नहीं। ऐसा होता तो विवाह की आवश्यकता नहीं पड़ती। आत्मीय संबंधों के लिए एक-दूसरे में दिलचस्पी में सम्मिलित होना जरूरी है। कई बार व्यर्थ की अनबन चिंगारी का काम कर जाती है। अच्छा होगा कि आप फैमिली फिजीशियन से संपर्क करें। काउंसलिंग से धीरे-धीरे यह समस्या दूर की जा सकती है। घर में प्राइवेसी न मिलने से भी कई औरतों को महीनों सेक्स सुख नसीब नहीं होता। ऐसी महिलाएं दूसरे मर्दों से निकटता बढ़ा लेती हैं। कभी-कभी अवैध शारीरिक संबंध भी स्थापित कर लेती हैं। जरूरी है तनाव को नियन्त्रण में रखना, सकारात्मक सोचना और ईर्ष्या को त्यागना। शंकालु प्रवृत्ति कलह की मूल जड़ है। सेक्स भी उतना ही जरूरी है जितना अन्य सब कुछ। पुरूषों को भी समझना चाहिए कि उनसे क्या चूक हो रही है।
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