Dolly singh


'करीब 17 साल से मैं धूम्रपान करती हूं। अब मुझे आदत पड़ चुकी है। दिन में 5-15 सिगरेट पी लेती हूं। इससे मुझे सुकून मिलता है।' यह कहना हैं बैंक में कार्यरत नेहा सूरी का। उन्होंने बताया कि कॉलेज के दिनों में देखा-देखी सिगरेट पीना शुरू किया था। धीरे-धीरे इसकी आदत पड़ गई। होस्टल में सिगरेट का शौक बढ़ता चला गया।
'और अब मैं बिना धूम्रपान के रह ही नहीं सकती। कमजोरी और आलस्य महसूस होने लगता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में पढऩे वाली प्रीति महाजन का कहना है 'मैं केवल फैशन के तौर पर सिगरेट पीती हूं। यह कोई महंगा शौक नहीं है जिसे पूरा न किया जा सके। मुझे सिगरेट पीना अच्छा लगता है। आत्मबल को बढ़ावा मिलता है कि मैं लड़कों से पीछे नहीं हूं लेकिन मैं सिगरेट कभी कभी ही पीती हूं।
ज्यादातर महिलाओं में धूम्रपान से चिढऩे की प्रवृत्ति होती हैं। धूम्रपान न करने वाली जामिया मिलिया की एक छात्र महिमा चौधरी का कहना है, 'मुझे सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करते लोग बहुत बुरे लगते हैं। कई लड़के जानबूझ कर धुंआ छोड़ते हैं। इससे मुझे बहुत गुस्सा आता है। मेरे घर में कोई धूम्रपान नहीं करता, इसलिए मुझे धुंआ बिल्कुल भी बरदाश्त नहीं होता। बसों में सफर करते समय यदि कोई धूम्रपान कर रहा हो तो बड़ी मुश्किल हो जाती है।
माना कि लोग अपनी परेशानियों के कारण, नौजवान फैशन के लिए और कई व्यक्ति समय काटने के लिए धूम्रपान करते हैं। वे यह नहीं सोचते कि धूम्रपान न केवल उनके लिए बल्कि दूसरों के लिए भी हानिकारक है। राहुल का कहना है कि जब भी कोई धूम्रपान करता है, मुझे गुस्सा आने लगता है। सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट पीने वालों से मुझे खासकर नफरत है। दिल्ली में वैसे भी प्रदूषण की कमी नहीं है। ऐसे लोग अपने स्वास्थ्य के साथ दूसरे का स्वास्थ्य भी खराब करते हैं।
मनोचिकित्सकों का मानना है कि यह केवल मन को समझाने की बात है कि सिगरेट पीने से ताजगी आती है या थकावट दूर होती है जबकि एक सिगरेट व्यक्ति की सात मिनट आयु अपने धुएं के साथ उड़ा ले जाती है।
तम्बाकू कई चीजों का मिश्रण है। इसमें निकोटिन और नाइट्रोसो कम्पांउड्स सबसे घातक हैं। इससे कैंसर हो सकता हैं। तम्बाकू के सेवन से शरीर के अन्य अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है। हृदय तंत्र पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है। निकोटिन रक्तचाप और हृदयगति को बढ़ाती है। युवा पीढ़ी को इसका शुरू में ज्यादा असर नहीं होता लेकिन आदत पडऩे पर या किसी को पहले से कोई हृदय की शिकायत हो तो तम्बाकू काफी खतरनाक साबित हो सकता हैं।
हृदय संबंधी रोग पहले पुरूषों को ज्यादा होते थे लेकिन अब महिला रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसका कारण धूम्रपान ही है।
जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनमें गर्भ धारण करने की क्षमता कम हो जाती हैं और यदि गर्भावस्था के समय भी धूम्रपान नहीं छोड़ती तो गर्भपात हो सकता है।

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