मेरठ। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर दो पहिया वाहन चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। बता दे कि एक्सप्रेस के निर्माण कार्य के दौरान ही 2020 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन अब मे​रठ मंडलायुक्त सुरेंद्र कुमार सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिग कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई नियमो को तोड़ता है और एक्सप्रेस वे पर दो पहिया वाहन या थ्री व्हीलर चलाता पाया जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। तेज रफ्तार एक्सप्रेस वे पर दोपहिया वाहनों के लिए भी प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) (एनएचएआई) ने एक्सप्रेस वे पर दोपहिया के प्रवेश पर पाबंदी के बोर्ड लगाने शुरू कर दिए हैं।
दिल्ली और मेरठ के शुरूआत से ही एक्सप्रेस वे मुख्य कारीडोर में दोपहिया का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। तेज रफ्तार एक्सप्रेस वे पर दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के मद्देनजर इसे लागू किया जा रहा है। 
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस चार खंडों में बंटा हुआ है। चार खंडों में पहला खंड निजामुद्दीन से यूपी गेट आठ किलोमीटर, दूसरा खंड यूपी गेट से डासना 19 किलोमीटर, तीसरा खंड डासना से हापुड़ 22 किलोमीटर व चौथा खंड डासना से मेरठ तक 32 किमी का है। डासना तक 14 लेन हैं और इसके बाद 6 लेन। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण की लागत 7 हजार करोड़ रुपये है।  एक्सप्रेस-वे का के चारों खंडों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस पर अब वाहन दौड़ने लगे हैं।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर लगी थी पाबंदी :—
इससे पहले ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर भी दोपहिया वाहनों का प्रवेश बंद है। हालांकि इस पर दोपहिया वाहन चालकों की खूब आवाजाही होती है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर घुसने और निकलने के स्थान बहुत सीमित होने के कारण दोपहिया चालकों को एक्सप्रेस वे पर आवाजाही की मनाही होगी।  निजामुद्दीन से डासना तक दोपहिया चालक आसानी से एक्सप्रेस वे के साथ बने हाइवे पर चल सकते हैं। लेकिन डासना से जैसे ही एक्सप्रेस वे मेरठ के लिए आगे बढ़ेगा उस पर दोपहिया वाहनों का प्रवेश नहीं होगा।


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