कृषि कानून रद्द होने तक चलेगा आंदोलन

नई दिल्ली (एजेंसी)। 
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को भी जंतर मंतर पर किसान संसद का आयोजन किया गया। सिंधु बॉर्डर से जंतर मंतर पहुंचे 200 किसानों के लिए प्रदर्शन स्थल पर टेंट भी लगाया गया है। लगातार दूसरे दिन संसद की तरह किसान संसद की कार्यवाही चलाई जा रही है। अपने बीच से एक व्यक्ति को सरकार का प्रतिनिधि बनाया है, जिससे कृषि कानूनों पर सवाल पूछे जा रहे हैं।
उधर, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक संसद का मानसून सत्र चलेगा, तभी तक किसानों की संसद भी बाहर चलेगी। किसान तभी वापस जाएंगे, जब कृषि कानूनों को रद्द किया जाएगा। टिकैत ने कहा कि अब सरकार की मर्जी है, वह जब चाहे बातचीत शुरू कर सकती है। किसान बातचीत से कभी पीछे नहीं हटे थे और वह हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है और इस तरह ही चलता रहेगा। 15 अगस्त को लेकर भी कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं और किसान उस दिन तिरंगा फहराएंगे। तिरंगा किस जगह पर फहराया जाएगा, इसको लेकर सभी बैठकर तय कर लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को हल्के में ले रही है। अन्नदाताओं ने दिल्ली का रास्ता देख रखा है। जब तक संसद का यह सत्र चलेगा यहां 200 किसान रोज आएंगे और अपनी मांग को रखेंगे।

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