सातवें दिन भी विपक्षी दलों का दोनों सदनों में हंगामा
नई दिल्ली (एजेंसी)। पेगासस जासूसी कांड पर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच चल रहा गतिरोध अब ज्यादा गंभीर हो गया है। जासूसी कांड पर एकजुट हुए 14 विपक्षी दलों ने संयुक्त रणनीति के साथ दोनों सदनों में सरकार की आक्रामक मोर्चाबंदी करते हुए भारी हंगामा कर लगातार सातवें दिन संसद की कार्यवाही बाधित की। लोकसभा में तो विपक्षी सदस्यों ने हवा में पर्चे उड़ाने के साथ ही आसन की तरफ भी उन्हें फेंका। विपक्ष ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार चर्चा के लिए राजी नहीं होगी, तब तक संसद का संग्राम रुकेगा नहीं। वहीं, सरकार ने लोकसभा में दो और राज्यसभा में एक विधेयक पारित कर यह साफ संदेश दे दिया है कि विपक्ष के दबाव की उसे परवाह नहीं। विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्पीकर ने किया खारिज लोकसभा में राहुल समेत विपक्षी नेताओं के जासूसी कांड पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को स्पीकर ने खारिज कर दिया और भारी हंगामे के बीच पूरा प्रश्नकाल चलाया। इस दौरान विपक्षी सदस्य पूरे समय वेल में जमकर नारेबाजी करते रहे और आसन के अलावा सत्तापक्ष से उनकी नोक-झोंक चलती रही। पांच बार स्थगित हुई कार्यवाही प्रश्नकाल खत्म होते ही स्पीकर चले गए और भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल आसन पर बैठे और कार्यवाही का संचालन शुरू किया। इस पर कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी सदस्य इस पर भड़क गए और कार्यसूची से जुड़े कागजातों को फाड़कर उछालने लगे। कुछ पर्चे आसन की ओर तो कुछ सत्तापक्ष की ओर फेंके गए। तब अग्रवाल ने सदन को 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया और इसके बाद पांच बार के व्यवधान के बाद शाम चार बजे लोकसभा पूरे दिन के लिए ठप हो गई। हंगामे के बीच तीन बिल पास विपक्ष के हंगामे को अनसुना करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अनुपूरक मांगों के साथ विनियोग विधेयक और दिवालिया कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक पारित करा लिए।
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