लखनऊ । लगातार कोरोना आपदा की मार झेल रहे आम के बागवान जहाँ एक ओर थ्रिप्स के प्रकोप से बेहाल हैं वहीं बाजार बंद होने की वजह से इसकी बिक्री को लेकर चिंतित हैं। किसानों, फल व्यापार की कंपनियों और सरकार के विभिन्न विभागों को आपस में जोड़ने के लिए केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने शनिवार को आनलाइन आम क्रेता-विक्रेता संगोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में उद्यान एवं स्वास्थ्य प्रसंस्करण विभाग, राज्य बागवानी सहकारी विपणन संघ, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय के साथ बड़ी संख्या में आम बागवानी और निजी क्षेत्र के उद्यमियों को एक साथ जोड़ा गया। संस्थान के निदेशक डा. शैलेन्द्र राजन ने किसानों को बताया कि वे लघु स्तर पर राइपेनिंग चैंबर की स्थापना में संस्थान में मदद करेंगे। उपेन्द्र सिंह, सचिव आम उत्पादक बागवानी, विजय सिंह मदर डेयरी माल सहित अनेक प्रगतिशील किसानों ने मैंगो मार्केटिंग से जुड़ी परेशानी से अवगत कराया। निदेशक, उद्यान, उ.प्र. सरकार डा. तोमर ने बताया कि 14 फल पट्टी में प्रशिक्षण का आयोजन किया जायेगा। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश सरकार का विशेष सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक फल पट्टी में 50 किसानों को तोड़ाई पूर्व एवं तोड़ाई उपरांत कार्यों में प्रशिक्षित किया जायेगा एवं इन किसानों को पावर स्प्रे सहित पैक हाउस जैसी सुविधाओं के लिए अनुदान मिलेगा। दूर बाजार से जोड़ने के लिए वेंडिंग कार्ट की सुविधा भी किसानों को मिलेगी। मैंगो बाबा ऐप के उद्यमी मनीष यादव बताते हैं कि दो हजार से भी ज्यादा कस्टमर आम की होम डिलिवरी की मांग कर रहे हैं। आम जनता इस ऐप के माध्यम से घर बैठे आम के बागों के ताजे आम मंगा रहे हैं । अभी यह सुविधा लॉकडाउन के कारण केवल लखनऊ में ही उपलब्ध है| डा. मनीष मिश्रा जो एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन के प्रधान अन्वेषक हैं ने बताया कि युवा उद्यमी सैनेटाइज आम को डिब्बाबंद करके डोर टू डोर पहुँचाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। डॉ तोमर बताते है कि मलिहाबाद को देश 2 आम क्लस्टरों में से आम के एक क्लस्टर के रूप में चुना गया है और आने वाले दो वर्षों में आम क्लस्टर में कई सारी सुविधाएं स्थापित हो जाएंगी।
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