दूसरी लहर के मुकाबले होगी काफी घातक 
नई दिल्ली। मार्च 2020 में आई कोरोना की पहली लहर से लोग उबर भी नहीं पाए थे कि दूसरी लहर ने जमकर कहर बरपाया। अब वो कुछ कम हुई तो वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर की आशंका अक्टूबर के महीने में आने की आशंका जताई है। वैज्ञानिकों का दावा है कि तीसरी लहर आएगी जरूर। लेकिन यह दूसरी से कितना अधिक घातक होगी इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

              इस पर एम्स दिल्ली के अलावा लखनऊ केजीएमयू और पीजीआई में रिसर्च चल रहा है। अब तक के सर्वे में 85 फीसदी वैज्ञानिकों का कहना है कि तीसरी लहर अक्टूबर महीने तक आ सकती है। कुछ ने सितंबर और अगस्त महीने में भी तीसरी लहर का प्रभाव शुरू होने की बात कही है। हालांकि करीब अधिकांश का मानना है कि दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर का सामना प्रभावी रूप से करने में देश और प्रदेश सक्षम होंगे।
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि तीसरी लहर नियंत्रित हो सकती है, क्योकि जब तक वैक्सीनेशन के दायरे में काफी लोग आ चुके होंगे। डा0 रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दूसरी लहर के तुलना में तब तक देश में बड़ी संख्या में लोगों को कोरोना का टीका मिल जाएगा।तीसरी लहर के लिए ये भी कहा जा रहा है कि इसमें बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होगा। इस बात पर अधिकांश वैज्ञानिक सहमत हैं। 18 से कम उम्र के बच्चों में खतरा इसलिए भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि अभी इनके लिए वैक्सीन पर रिसर्च जारी है।इससे पहले एम्स ने अपने सीरो सर्वे में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का असर बालिगों के मुकाबले बच्चों पर बहुत ज्यादा नहीं होगा। सर्वे के मुताबिक बालिगों के मुकाबले बच्चों में सीरो पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा है।


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