नोएडा। पति के निधन से दुखी गर्भवती महिला ने बेटी को गोद में लेकर कमरे में खुद को आग लगा ली। परिजनों ने बुरी तरह झुलसी सादोपुर गांव निवासी ज्योति और उसकी छह साल की बेटी मिष्ठी को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दोनों ने दम तोड़ दिया। आज परिजनों ने दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों के मुताबिक करीब डेढ़ माह पहले कोरोना संक्रमित होने के बाद निजी अस्पताल में भर्ती पति की मृत्यु हो गई थी। 
बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव सादोपुर में सुभाष चंद्र परिवार के साथ रहते हैं। सुभाष चंद्र के दो बेटे थे। बड़े बेटे जॉनी ने करीब 8 साल पहले दिल्ली के कल्याणपुरी निवासी ज्योति से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद दोनों सादोपुर गांव में रहते थे। करीब दो माह पहले जॉनी को बुखार आया था। उसे पास के ही निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 24 अप्रैल को उसने दम तोड़ दिया। परिवार का दावा है कि जॉनी की मौत कोरोना की वजह से हुई थी। पति जॉनी की मौत के बाद से पत्नी ज्योति दुखी रहने लगी थी। परिजनों ने ज्योति को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वह पति की मौत के सदमे से उबर नहीं पा रही थी। जॉनी की मौत के बाद से वह हर समय तनाव में रहती थी। सुबह तीन माह की गर्भवती ज्योति ने कमरा बंद कर छह वर्ष की बेटी मिष्ठी को गोद में लेकर डीजल डालकर आग लगा ली। आग का धुआं जब घर के अंदर फैला तो परिजनों ने शोर मचाया। शोर सुनकर आसपास के लोग आ गए और किसी तरह आग को बुझाकर दोनों को बाहर निकाला गया। लेकिन तब तक दोनों बुरी तरह से झुलस चुके थे। दोनों को अस्पताल ले जाया गया जहां पर मां-बेटी को मृत घोषित कर दिया।

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