मेरठ। सुभारती परिवार के सदस्यों एवं समाज के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सूरज कुण्ड जाकर सुभारती ग्रुप की संस्थापिका संघमाता डा. मुक्ति भटनागर की अस्थियों का संचयन किया गया। अस्थियों को गंगाजल से शीतल करते हुए उसे कलश में संग्रहीत किया गया एवं संघमाता डा. मुक्ति भटनागर के चित्र के समक्ष कलश की स्थापना की गई। 
सुभारती ग्रुप की संस्थापिका संघमाता डा.मुक्ति भटनागर का बौद्ध रिवाज के अनुसार प्रात 10ः30 बजे पुण्यानुमोदन संस्कार किया गया। सुभारतीपुरम स्थित संघमाता डा.मुक्ति भटनागर के निवास स्थान पर विख्यात बौद्ध भिक्षु डा. चन्द्रकीर्ति ने पुण्यानुमोदन संस्कार किया। इस दौरान बौद्ध भिक्षुओं को चिवरदान, वस्तुदान एवं भोजनदान दिया गया। डा. चन्द्रकीर्ति ने सूत्रपाठ करते हुए संस्थापिका संघमाता डा. मुक्ति भटनागर के पुण्यानुमोदन संस्कार हेतु वंदना की। उन्होंने बताया कि बौद्ध धर्म के अनुसार संसार से परिनिर्वाण प्राप्ति के उपरान्त दिवंगत की सुगति हेतु पुण्यानुमोदन संस्कार किया जाता है। उन्होंने सल्लसूत्र पाठ करते हुए कहा कि मृत्यु को प्राप्त कर चुके मनुष्य से कभी दोबारा मिला नही जा सकता है और इसी दुख में शोकाकुल परिजन विलाप करते हुए कष्ट सहने लगते है। लेकिन तथागत गौतम बुद्ध ने सल्लसूत्र पाठ के माध्यम से कष्ट और शोक से पीड़ित व्यक्ति को शान्ति और संयम का मार्ग दिखाकर सत्य कर्म की ओर प्रतिबद्ध होने का उपदेश दिया है ताकि वह जीवन के मूल उद्देश्यों से अवगत हो सकें। उन्होंने कहा कि बिछड़ने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी भुलाया नही जा सकता है इसी प्रकार संघ माता डा. मुक्ति भटनागर हमेशा यादों में प्रवाहित रहेंगी। 
एमटीवी सुभारती बुद्धिस्ट रिलीजियस ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं बौद्ध विद्वान डा. हिरो हितो ने  कहा कि तथागत के उपदेशानुसार संघमाता डा. मुक्ति भटनागर के परिजनों को इस कठिन घड़ी में संयम से काम लेना है और समाज को यही संदेश देना है कि संसार में मृत्यु प्रबल सत्य है और ऐसा कोई उपक्रम नही है जिससे कि जन्में हुए व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त न हो, तथा अत्यधिक विलाप करने से निर्वाण का मार्ग नही मिलता। उन्होंने कहा कि अपने मन को शान्त रखकर शीलों का पालन करते हुए धम्म से निर्वाण की प्राप्ती होती है। उन्होंने कहा कि पुण्यानुमोदन संस्कार के बाद संघमाता डा. मुक्ति के परिजन अपने कष्टों को भूलकर समाज में अन्य लोगो के कष्टों का निवारण करें यहीं संघमाता डा. मुक्ति भटनागर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
संघमाता डा.मुक्ति भटनागर के पति डा. अतुल कृष्ण बौद्ध ने विशेष रूप से कहा कि दुख की इस कठिन घड़ी में जिस प्रकार सुभारती परिवार सहित समाज के हर वर्ग के लोगो ने उन्हें सांत्वना देते हुए मानसिक साहस दिया है, इसके लिये वह हृदय से सभी के आभारी है।
इस अवसर पर शोकाकुल परिवार से डा. शल्या राज, डा. रोहित रविन्द्र, डा. कृष्णा मूर्ति, डा. आकांशा, अवनि, राहुल, अभिनव, स्वाती, डा. जगत सिंह,  संजू कुमारी, डा. वैभव गोयल भारतीय, सोहन सिंह, श्रीमति रजनी, अनिल भारती, राजकुमार सागर, अनम शेरवानी आदि उपस्थित रहे।

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