कोरोना काल में होम्योपैथी पर लोगों का बढ़ा भरोसा : डा. जौहरी


नोएडा, 17 जून 2021। कोरोना की दूसरी लहर में बड़े स्तर पर लोगों ने होम्योपैथी और एलोपैथी का संयुक्त रूप से उपचार का लाभ लिया, जिसके अच्छे परिणाम मिले। होमआइसोलेशन व क्वारेन्टाइन हुए मरीजों ने इन दोनों पैथी का प्रयोग किया। एलोपैथी से जहां कोविड संक्रमण की तत्काल रोकथाम हुई वहीं होम्योपैथी से मध्यम लक्षण एवं पोस्ट कोविड लक्षणों व बीमारियों पर लगाम लगी। गौरतलब है कि शासन ने कोरोना के होमआइलोशन और क्वारेन्टाइन हुए रोगियों के लिए होम्योपैथी से इलाज की अनुमति व इसके लिए गाइड लाइन भी जारी की थी। सरकार के इस आदेश से लोगों का होम्योपैथी पर भरोसा बढ़ा है।
जिला होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डा. ललित मोहन जौहरी ने बताया कोराना काल में उनके चिकित्सकों की टीम ने रोजाना लगभग 100-125 मरीजों को परामर्श और उपचार दिया, जिसके बेहतरीन परिणाम सामने आये। उन्होंने बताया इस दौरान जहां होमआइसोलेट हुए मरीजों ने होम्योपैथी चिकित्सा में रुचि दिखायी वहीं बड़ी संख्या में पोस्ट कोविड मरीजों ने भी उपचार लिया। उन्होंने बताया इन दिनों सांस फूलना, थकावट, कमजोरी, शरीर दर्द और सूखी खांसी की समस्या मरीजों में सबसे ज्यादा आयी। लक्षण के आधार पर दिये गये होम्योपैथिक उपचार सार्थक परिणाम सामने आये हैं।
डा. जौहरी ने बताया पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेबिनार के माध्यम से आयुष चिकित्सकों के साथ सीधा संवाद किया था, जिसमें आयुष चिकित्सकों को कोरोना के उन मरीजों के उपचार की अनुमति दी थी जो होमआइसोलेशन या क्वारेन्टाइन हैं। आयुष चिकित्सकों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया।
उन्होंने बताया निर्देशानुसार प्रतिदिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से समन्वय स्थापित कर होम्योपैथी विभाग को उन मरीजों की सूची उपलब्ध करायी जाती है जो कोविड पॉजिटिव हैं और होम आइसोलेशन एवं क्वारेन्टाइन हैं होम्योपैथी विभाग के चिकित्साधिकारी लक्षणों के आधार पर क्षेत्रवार उन मरीजों से संपर्क कर उन्हें परामर्श देते हैं और उन्हें उपचार व होम्योपैथी दवा उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने बताया कोरोना काल में रोजाना करीब 500 लोगों से टेलीफोन के माध्यम से संपर्क किया गया।
डा.ललित जौहरी ने बताया कोरोना काल में ऐसे मरीजों की संख्या काफी थी, जो कोविड पॉजिटिव तो थे ही इसके साथ ही उन्हें टायफाइड भी था। इस बीच डायरिया के मरीज भी बड़ी संख्या में मिले । उन्होंने बताया लक्षणों के आधार पर उनका उपचार किया गया और उसके सकारात्मक परिणाम सामने आये। इस दौरान ऐसे मरीजों की भी खासी तादाद थी जो अस्पताल में उपचार के बाद कोरोना से तो ठीक हो गये थे, उनकी कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आ गयी थी,लेकिन वह पोस्ट कोविड के चलते विभिन्न प्रकार के लक्षणों के शिकार थे। उन लोगों में पल्स रेट बढ़ना, बेहद कमजोरी, सांस फूलना और सूखी खांसी जैसी समस्या ज्यादा देखने को मिली।  
राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय में रोज आ रहे बड़ी संख्या में मरीज
 इस समय जनपद में 12 राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय संचालित हैं। यहां करीब 40 से 50 नये पुराने मरीज रोजाना उपचार के लिए आ रहे हैं, इनमें बड़ी संख्या में ऐसे रोगी हैं जो पोस्टकोविड के शिकार हैं। 
भ्रम टूटा 
जिला होम्योपैथी चिकित्साधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री की पहल पर होम्योपैथी को जो विकल्प के रूप में उपचार की अनुमित मिली, उससे लोगों में इस पैथी के प्रति विश्वास तो बढ़ा ही साथ ही यह भ्रम भी टूट गया कि ऐलोपैथी दवा के साथ होम्योपैथी दवा लाभ नहीं करती हैं। होम्योपैथी के प्रभावी परिणाम इसकी तस्दीक करते हैं।
खुद से न करें उपचार
डा. जौहरी ने कहा कि लोग होम्योपैथी की दवा को बहुत हल्के में ले लेते हैं और स्वयं दवा खरीद कर अपने आप इलाज करने लग जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पैथी में लक्षणों के आधार पर उनका संयोजन कर उपचार किया जाता है। इसलिए घर में एक मरीज को दी गयी दवा सभी लोगों को नहीं दी जा सकती। सभी व्यक्तियों के अलग-अलग चारित्रिक लक्षण होते हैं, जिनकी दवा के चयन में अहम भूमिका होती है जिसके आधार पर होम्योपैथिक चिकित्सक दवा निश्चित करता है। उन्होंने बताया प्रोटोकाल के अनुसार केवल आर्सेनिक 30 को रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए किसी को भी दिया जा सकता है। होम्योपैथी विभाग गौतम बुद्ध नगर ने कोविड काल में इसका बड़ी मात्रा में प्रचार/प्रसार/वितरण किया जो काफी कारगर साबित हुआ।

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