मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पालेगा मछलियां


मेरठ, 8 जून 2021। कोरोना संक्रमण के बाद अब जिले में मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में तलाबों और जहां अधिक जलभराव रहता है वहां मच्छरों का पनपना शुरू हो गया है। ऐसे क्षेत्रों में डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारी फैलने की आशंका रहती है। जिला मलेरिया विभाग व नगर निगम इस बार तालाबों, नालों और जलभराव वाले स्थानों पर गंबूजिया मछली पालने की तैयारी कर रहे हैं। गंबूजिया मछली मच्छरों के लार्वा व अंडों को खा लेती है और यह साफ और गंदे पानी में रह सकती है।
 जिला मलेरिया अधिकारी सत्यप्रकाश ने बताया मच्छरों को मारने के लिए एंटी लार्वा स्प्रे व पायरेथ्रम दवा का छिड़काव ज्यादा समय तक कारगर नहीं रहता। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग तालाबों व जलभराव वाले ऐसे स्थान जहां मच्छर पनपने की आशंका है, वहां गंबूजिया मछलियां पालेगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इस बार शुरुआत में ही यह मछलियां खरीदने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने बताया बरसात के मौसम में मच्छर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया फैलने का खतरा रहता है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम ने एंटी लार्वा स्प्रे व पायरेथ्रम दवा के छिड़काव के साथ-साथ गंबूजिया मछली को जलभराव स्थानों पर छोडने की तैयारी शुरू कर दी है।
नगर निगम के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह ने बताया विभाग की ओर से मलेरिया फैलने के संभावित क्षेत्रों की पहचान करके वहां पर दवा का छिड़काव किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम एंटी लार्वा छिड़काव अभियान चला रही है। डेंगू व मलेरिया रोधी अभियान पूरे जून महीने चलेगा। इसमें लोगों को जागरूक करने पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। इसमें  मलेरिया विभाग का भी सहयोग होगा। गांवों में तालाबों व जलभराव वाले स्थानों में गंबूजिया मछली के बीज डाले जाने की योजना है।
गंबूजिया मछली का प्रिय भोजन मच्छरों का लार्वा व अंडे है
 डा गजेन्द्र सिंह ने बताया पिछली बार स्वास्थ्य विभाग ने गंबूजिया मछलियां तालाब आदि में डाली थीं, मगर लोगों ने उन्हें निकालकर खा लिया। गंबूजिया मछलियां पानी में पनपने वाले मच्छरों के लार्वा और उनके अंडों को पहले ही खा लेती हैं। दो इंच की मछली का सबसे प्रिय खाना यही है। इससे मलेरिया व डेंगू पर काबू पाने में काफी मदद मिलेगी। इसके लिये मछली पालन वाले केन्द्रों के संचालकों से सम्पर्क किया गया है।


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