ई-रिक्शे से पहुंचे अधिकारी

लोगों को समझाकर वैक्सीनेशन सेंटर भेजा


मेरठ।मेरठ के कुछ मुस्लिम बहुल इलाकों में बड़ी संख्या में लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार नहीं हैं। इस पर पुलिस-प्रशासन ने बड़ी पहल की। सिटी मजिस्ट्रेट सत्येंद्र कुमार सिंह व कोतवाली सीओ अरविंद चौरसिया खुद ई-रिक्शे में बैठकर तंग गलियों में पहुंच गए। खुद एनाउंसमेंट किया। लोगों को घरों से बाहर निकाला। ई-रिक्शे से वैक्सीनेशन सेंटर पर भिजवाया। असर यह रहा कि एक दिन में सौ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग गई। यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
नगर निगम के वार्ड-36 स्थित हुमायूंनगर के मदरसे में स्वास्थ्य विभाग ने 44 प्लस वालों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बनवाया है। बुधवार को यहां सिर्फ पांच लोग वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे। पता चला कि वैक्सीन को लेकर लोगों में तमाम भ्रांतियां हैं। इसलिए वह आगे नहीं आ रहे। मामला प्रशासन तक पहुंचा। तय हुआ कि अफसरों को खुद आगे आकर पहल करनी होगी। 

सिटी मजिस्ट्रेट सत्येंद्र कुमार सिंह व कोतवाली सीओ अरविंद चौरसिया कई ईरिक्शे लेकर हुमायूंनगर की गलियों में पहुंच गए। सीओ ने वहां के पार्षद शौकत अली को साथ लिया। सीओ व पार्षद ने ई-रिक्शे में बैठकर संयुक्त रूप से अपील की। कुछ लोगों को समझाकर वैक्सीनेशन सेंटर पर भेजा। इसके बाद लोग घरों से निकलते गए। पहल का असर यह रहा कि गुरुवार को तकरीबन सौ लोगों ने वैक्सीन लगवाई।
लोगों में भ्रांतियां
हुमायूंनगर के लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। ठेलेवाले ने सीओ से कहा कि वैक्सीन लगवाने से कुछ नहीं होता। 70 साल की अम्मा ने कहा कि हम वैक्सीन लगवाकर क्या करेंगे, हमारी तो उम्र हो चुकी। प्राइवेट कंपनी में कार्यरत एरिया मैनेजर ने अपने शुगर का हवाला देते हुए वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया। 

इस्लामाबाद में भी चला अभियान

कोतवाली सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि इस्लामाबाद में भी यही स्थिति है। वहां पर लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं। वहां पर भी डोर-टू-डोर जागरुकता अभियान शुरू किया गया है। 


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