2017 के बैच के 39 दरोगाओं को कागजों में दिखा दिया 2018 बैच 

 घूस न मिलने पर किया गया बाबू ने किया यह खेल 


गोरखपुर । योगी सरकार घुसखोरो पर बेशक शिकंजा कसने का दम भर रही हो लेकिन घुसखोरी अभी जारी है। इसका नमूना  गोरखपुर जिले के एसएसपी कार्यालय में तैनात बाबू का बड़ा कारनामा सामने आया है। जिसमें कार्यालय एक बाबू ज्ञानेंद्र सिंह ने घूस नहीं देने पर जिले के 2017 बैच के 39 दरोगाओं का 2018 का पुलिस नॉमिनल रोल जारी कर एक साल जूनियर बना दिया है। इससे उनके प्रमोशन पर भी असर पड़ रहा है।
  बता दें  जिले के इन 39 दरोगाओं ने 20 नवंबर 2017 को मुरादाबाद पीटीएस में ट्रेनिंग के लिए आमद कराई थी। ट्रेनिंग पूरी होने के उन्हें जिला अलॉट हुआ और नवंबर 2018 में उन्होंने गोरखपुर में जॉइन किया। इस दौरान एसएसपी कार्यालय के बाबू ने इन दरोगाओं को 2018 बैच का पीएनओ अलॉट किया, जबकि उनके साथ ट्रेनिंग करने वाले अन्य जिलों के दरोगाओं को 2017 के बैच का पीएनओ अलॉट हुआ था। इसके बाद 39 दरोगाओं के आपत्ति जताने पर बाबू ने 60 हजार रुपये की मांग की।
जब दरोगाओं ने घूस देने से इंकार किया तब बाबू ने इन दरोगाओं के नाम के आगे साल 2018 बैच का मुहर लगा दिया। इसके कारण इन ३९ दारोगाओं पर प्रमोशन का असर दिखाई दे रहा है। इसके लिये उन्हें अब एक साल अपने प्रमोशन के लिये इंतजार करना होगा। वही इस मामले में एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु का कहना है कि अगर इन दरोगाओं ने शिकायत की तब जांच होगी। 
18 हजार की घूस के मामले में बर्खास्त हो चुका है बाबू 
 पुलिस विभाग के इस बाबू का कारनामा यही नहीं रूका आरोप है  कैंपियरगंज में तैनात दरोगा पंकज यादव ने अपने बेटे का लखनऊ में इलाज कराया था, जिसमें 1.80 लाख रुपये खर्च हुए थे। मेडिकल प्रतिपूर्ति के लिए दरोगा ने बाबू से फाइल एसएसपी के पास जमा करने के लिए कहा ताकि रकम मिल सके। लेकिन बाबू ने एसएसपी के पास फाइल भेजने की एवज में 18 हजार रुपये घूस की मांग की। जिस पर पंकज यादव ने एंटी करप्शन को बाबू के बारे में बताया था। जिस पर जून 2019 में एंटी करप्शन की 7 सदस्यीय टीम ने बाबू को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।  जिस पर आरोपी ज्ञानेंद्र सिंह को पुलिस सर्विस से बर्खास्त कर दिया गया।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts