मेरठ। निदेशक के खिलाफ आवाज उठाने वाले शिक्षक-कर्मचारियों पर आज विवि की कार्रवाई की तैयारी है। आय में कमी का आधार बनाते हुए कुछ शिक्षक-कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है जबकि कुछ के खिलाफ जांच बैठाई जाएगी। सर छोटूराम में करोड़ों रुपये की फीस का अभी हिसाब नहीं होने और बीते महीनों में लाखों रुपर्य खर्च कर दफ्तर में काम कराने को इस विरोध में किनारे कर दिया गया है। विवि की संभावित कार्रवाई के विरोध में शिक्षक-कर्मचारी एकजुट होकर विरोध की तैयारी में हैं।
सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में विवि का स्थापना के बाद से ही सौतेला व्यवहार रहा। सूत्रों के अनुसार कॉलेज में पांच करोड़ रुपये की फीस का आज तक पता नहीं है कि वहां गई। शासन से बार-बार सवाल पूछे जा रहे हैं और फीस का हिसाब नहीं मिल रहा। सूत्रों के अनुसार कोरोना काल में कॉलेज में लाखों रुपये खर्च कर दफ्तर को आलीशान बनाया गया जबकि यह सही स्थिति में था। सूत्रों के अनुसार जब इनका विरोध शुरू हुआ तो ऐसे शिक्षक-कर्मचारियों को निशाने पर लिया जा रहा है। आज विवि में कार्यपरिषद की बैठक होनी है। इस बैठक में कुछ शिक्षकों के विरुद्ध जांच कराने, कुछ के सेवा विस्तार को टालने का प्रस्ताव है। शिक्षक-कर्मचारियों के अनुसार कॉलेज की आय से दस लाख रुपये दफ्तर में कैसे कर दिए गए। करोड़ों रुपये की फीस का हिसाब क्यों नहीं दिया जाता।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts