Zia Chaudhary 


मेरठ।सीनियर चिकित्सक व  जसवंतराए हस्पताल  में क्रिटिकलकेयर व आईसीयू के विभागाध्यक्ष डा. पुनीत भसीन एमडी (केडिसन) ने Black fungas को लेकर कई महत्व पूर्ण टिप्स बताये! उनके अनुसार पिछले 15 दिन से उनके पास लगभग 15 मरीजा म्यूकर या ब्लैकस फंगस के आ चुके हैं और इलाज में चल रहे हैं और सफलतापूर्वक इनमें से मरीज दवाई और दूरबीन की विधि द्वारा नाक की साईनस के आॅप्रेशन और सफाई के बाद, अपने घर जाकर इलाज चहा रहे हैं। उनके इस अबतक सफलतापूर्वक प्रयास के डा. रोहित सिंह नाक, कान गला रोग विशेषज्ञ का पूर्ण योगदान रहा है। 

बीमारी से जुड़े सवाल-जवाब 
सवाल 1.- म्यूकरमायकेसिस या ब्लैक फंगस क्या है? 
जवाब.- यह एक दुर्लभ संक्रमण है जोकि एक फंगस, म्यूकर मोल्ड के संसर्ग के ाअने से जोकि मिट्टी, पैधे, गोबर और सढी हुई सब्जियां, फल में पैदा होते हैं। यह देशव्यापी या हर जगह हवाया मिट्टी में मिलता है, यहां तक की स्वस्थ इंसान के नाक और उसके पानी में होता है। यह मानव के नाक के साइनस, दिमाग और फेफड़ों को अपना घर बना लेता है।
सवाल 2.- ब्लैक फंगस किन लोगों में बीमारी ज्यादा करता है? 
जवाब.- ब्लैक फंगस उन लोगों में जिनको शुगर की बीमारी हो या जिनकी बीमारी से लड़ने की ताकत कम हो जाती है। जैसे कैन्सर, एचआवी/एड्स
इस बीमारी में लगभग 50 प्रतिशत मरीज की मृत्यु हो जाती है और यह इस बार देखा गया है कि अत्याधिक कोविड-19 के मरीजों में स्टेरोइड्स का इस्तेमाल होने का बहुत बड़ा कारण रहा है। 
सवाल 3.- स्टेरोइड्स किस तरह इस बीमारी को बढ जाने का मौका देते हैं? 
जवाब - कोरोना के मरीजों के फेफड़े में अत्याधिक सूजन आ जाती है। जिसके कारण मरीज की आॅक्सीजन कम होने लगती है और फेफड़ेबहुत जल्दी-जल्दी खराब होने लगते हैं। स्टेरोइड्स इस सूजन, जोकि शरीर के इम्यून सिस्टम का बचाव का तरीका होता है, वह इसे दबाने की कोशिश करते हैं और स्टेरोइड्स ऐसी परिस्थिति में जीवन रक्षक होते हैं। लेकिन यह इम्यूनटी कम करने के साथ खून में शुगर को, डायबटीज और गैर-डायबटीज, दोनों किस्म के मरीजों मे ंशुगर की मात्रा बढा देते हैं। यह समझ सकते हैं कि इस इम्यूनटी याप रोग प्रतिरोधक शक्ति के कम होने से म्यूकरमाईकोसिस के मरीज बढ रहे हैं। 
सवाल 4.- कौन-से लक्षण मरीजों में होते हैं जो इस बीमारी के होने का संकेत होते हैं? 
जवाब - मरीजों की नाक भरी-भरी या बंद होती है, उसमें से खून में मिला हुआ रसाव आता है, आखों में सूजन एक बहुद दर्द का होना, पलकों का बंद रहना, दिखने में धुंधलापन और बीमारी के बढ जाने पर नजर का चले जाना, नाक की खाल पर काले रंग के निशन और तालू पर काली परत का जमना आदि। 
सवाल 5.- डाक्टर क्या इसका इलाज सम्भव व सफल है? क्या सिर्फ आप्रेशन ही है? 
जवाब - जी, इसका इलाज पूर्णता सम्भव है, अगर मरीज सही समय पर हस्पताल आ जाए या आपने निजि डाक्टर से लक्षण के शुरू होने पर मिल्ले। महत्वपूण बात है कि इस कोरोना काल मंे हर शुगर के मरीज विशेषकर वह मीज जो शुगर के मरीज हैं और कोरोना की बीमारी से निकले है, अपनी शुगर बहुत सही रखें, खानपान का परहेज करें। दूसरा इसके लक्षणों को बहुत ध्यान देकर रखें, क्योंकि अगर इलाज लेने में देर हो जाए तो मरीज की आंख पूरी तरह खराब हो जाती हैं और उसे फिर निकालना पढता है। इसलिए शुरू में ही हस्पताल आएं, इसका इंजेक्शन है। जो बीमारी को बढने से रोकता है और नाक, कान, गले व आंखों के विशेषज्ञ की मदद से केवल दूरबीन द्वारा साइनस को इस फंगस से साफ किया जा सकता है।

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