Meerut।
सरदार पटेल सुभारती विधि संस्थान, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मैं फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम का विषय उन्नत अनुसंधान पद्धति है। सुभारती लॉ कॉलेज के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर वैभव गोयल भारतीय के दिशा निर्देशन में इस कार्यक्रम की रूपरेखा रखी गई। उन्होंने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शोध छात्रों के साथ साथ शोध कार्य से जुड़े विभिन्न विषयों के शिक्षकों के लिए भी लाभदायक होगा। 1 सप्ताह तक आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में विद्वान विशेषज्ञ अनुसंधान और शोध कार्यों में उन्नत आधुनिक अनुसंधान पद्धतियों से हमें अवगत कराएंगे।


कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुभारती लॉ कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर आफरीन अलमास ने उपस्थित सभी अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर वीपी सिंह ने कहा कि कोविड-19 के समय 1 सप्ताह के फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन करना एक बड़ी चुनौती है फिर भी सुभारती लॉ कॉलेज का यह प्रयास सराहनीय है। उन्नत आधुनिक अनुसंधान पद्धतियों की जानकारी प्राप्त कर शोध छात्र व शिक्षक वर्ग लाभान्वित होगा वे अपने शोध को नए आयाम देगा। कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।
अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ विजय वाधवान ने कहा कि शोध का क्षेत्र बहुत व्यापक है। एक ही विषय के कई उप विषयों में लगातार शोध और अनुसंधान की जरूरत बनी रहती है। आधुनिक तकनीक व पद्धतियों की शोध में लगातार जरूरत पड़ती है। इस तरह की वर्कशॉप छात्रों में शिक्षक वर्ग के लिए आवश्यक है।
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि विद्वान प्रोफेसर डॉ मनोज कुमार सिन्हा, निदेशक/ कुलपति इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली ने अपने संबोधन में शोध और अनुसंधान की जरूरतों पर जोर देते हुए कहा कि देश और समाज की तरक्की के लिए शोध और अनुसंधान की हमेशा जरूरत रहती है। उन्होंने अनुसंधान समस्या, अनुसंधान तर्क और अनुसंधान डिजाइन के बारे में नई नई जानकारियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया।
प्रथम दिवस के ऑनलाइन कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर प्रेमचंद्र ने उपस्थित सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में सुभारती विश्वविद्यालय के अलावा अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र एवं शिक्षक प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए। डॉ मनोज कुमार त्रिपाठी, डॉ रीना विश्नोई, डॉक्टर सारिका त्यागी, डॉक्टर सरताज अहमद, विकास त्यागी, शालिनी गोयल, शेफाली गर्ग तथा ऐना सिसोदिया का योगदान इस आयोजन में रहा।


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