देश में आधे से अधिक शिक्षक सामान्य श्रेणी से , समान प्रतिनिधित्व की मांग उठती रही मांग
मेरठ।उच्च शिक्षा में दलित छात्र-छात्राओं की भागीदारी बढऩे के बावजूद विश्वविद्यालय कैंपस-कॉलेजों में दलित शिक्षकों की हिस्सेदारी बेहद कम है। राष्ट्रीय स्तर पर नौ फीसदी दलित शिक्षक शिक्षा का ज्ञान दे रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में यह भागीदारी मात्र 8.5 फीसदी है। देश में 56.5 फीसदी शिक्षक सामान्य श्रेणी से आते हैं और उत्तर प्रदेश में इनकी संख्या 56.4 फीसदी है। उच्च शिक्षा में विभिन्न वर्गों के शिक्षकों की भागीदारी के यह आंकड़े ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन 2019-20 की रिपोर्ट जारी की हैं।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में विवि कैंपस और कॉलेजों में कुल एक लाख 61 हजार 439 शिक्षक हैं। इनमें एक लाख नौ हजार नौ सौ 90 पुरुष और 51 हजार 449 महिलाएं। प्रदेश के कुल शिक्षकों में 13 हजार 795 एससी और 399 एसटी हैं। ओबीसी शिक्षकों की संख्या 45 हजार 585 है। प्रतिशत के हिसाब से देखें तो उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा में 8.54 फीसदी एससी, 0.25 फीसदी एसटी, 28.26 फीसदी ओबीसी, 6.54 मुस्लिम शिक्षक हैं। प्रदेश में मुस्लिम शिक्षकों की संख्या 10 हजार 566 है। उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा में सामान्य वर्ग से 56.4 फीसदी शिक्षक आते हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में उच्च शिक्षा में 23.6 फीसदी एससी और 39 फ ीसदी एसटी छात्र पंजीकृत है। राष्टï्रीय स्तर पर औसत पंजीकरण दर 22.8 फीसदी है। जबकि एससी की यह 23.4 और एसटी की 18 फीसदी है। यानी प्रदेश में एससी -एसटी छात्र राष्टï्रीय औसत से अधिक उच्च शिक्षा पा रहे है।
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