लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सोशल मीडिया का कार्य देखने वाले कर्मचारी पार्थ खुदकुशी मामले में शनिवार को इन्दिरानगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। पार्थ के  पिता रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव की तहरीर पर थाना प्रभारी ने सोशल मीडिया टीम के ही एक अन्य कर्मचारी और मुज़फ्फरनगर के अख़बार रोजाना के लखनऊ में मान्यता प्राप्त पत्रकार पुष्पेन्द्र सिंह और महिला कर्मी शैलेजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। 
इंदिरानगर सेक्टर-9 स्थित वैशाली इन्क्लेव में रहने वाले पार्थ (28) ने बीते बुधवार को फांसी लगाकर जान दे दी थी। मरने से पहले पार्थ ने दो पन्ने का सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार वरिष्ठ सहयोगी पुष्पेंद्र सिंह व महिला कर्मचारी शैलजा को ठहराया था। पुलिस की ओर से कार्रवाई न होने पर पार्थ की बहन शिवानी ने पुलिस पर लापरवाही करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस ने सभी आरोप को गलत ठहराते हुए कहा था कि अगर पीड़ित परिवार की ओर से तहरीर मिलती है तो कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। इसके बाद शनिवार को पीड़ित परिवार ने थाने में तहरीर दी, पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है। 
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने इस मामले को फर्जी मान्यता का मामला बताते हुए उस अख़बार की भी जांच की मांग की है जिसके नाम पर  मुख्यमंत्री की सोशल मीडिया टीम के एक कर्मी को मान्यता दे दी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में न्यायलय में भी सीबीआई जांच के लिए याचिका दाखिल की जा रही है। 


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