मेरठ। सत्तारूढ भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जे की ऐसी रणनीति बनाई है। जिससे विपक्ष की एकजुटता को खतरा होने लगा है। भाजपा ने निर्दलीय और अन्य पार्टियों के ऐसे बागी उम्मीदवारों पर डोरे डाल दिए हैं जो कि जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते हैं। मेरठ में ऐसे ही दो जिला पंचायत सदस्यों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इनमें एक वार्ड 28 से पूनम शर्मा हैं तो दूसरे वार्ड 32 से विकास उपाध्याय हैं।
वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को भाजपा को हराने के लिए विपक्ष एकजुटता तो दिखा रहा है। लेकिन सभी पार्टियां अपने प्रत्याशी को जिला पंचायत सदस्य बनाना चाहती हैं। सपा-रालोद और बसपा की जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। रालोद अपना प्रत्याशी लड़ाना चाहता है लेकिन सपा के कुछ नेता अपना प्रत्याशी उतारने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
सपा और रालोद में प्रत्याशी चयन को लेकर बैठक हुई। इसमें रालोद, सपा और बसपा के अलावा निर्दलीय मिलाकर 17 जिला पंचायत सदस्य मौजूद रहे। सपा के कई पदाधिकारियों के मौजूद नहीं रहने से प्रत्याशी के नाम पर मुहर नहीं लग सकी है। दो-तीन दिन में प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी। प्रत्याशी सपा का होने की संभावना ज्यादा है। जिला पंचायत में रालोद और बसपा के आठ-आठ, सपा के सात एवं पांच निर्दलीय हैं। इनकी संख्या 28 है। वहीं भाजपा ने विपक्ष पार्टी के ​जीते सदस्यों पर सीधे निशाना साधना शुरू कर दिया है। दूसरी पार्टियों के जीते सदस्यों से पार्टी के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि अपने—अपने माध्यम से संपर्क कर रहे हैं। भाजपा हर हाल में पश्चिमी उप्र की सभी जिला पंचायत सीटों पर अपना कब्जा चाहती है।

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