मेरठ। कोरोना काल में जहां पूरा स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने ही कॉलेज में तैनात सफाई कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जूनियर डॉक्टरों के आरोपों के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
शुक्रवार को कोविड मृतक की बॉडी पैक करने को लेकर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर और सफाई कर्मचारी आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। जिसके बाद सफाई कर्मचारियों ने इमरजेंसी में तोड़फोड़ करते हुए जबरदस्त हंगामा किया था। इस मामले में जहां मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कई कर्मचारियों को नामजद करते हुए मेडिकल थाने में तहरीर दी है। वहीं पुलिस ने दो कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया है। उधर इस पूरे प्रकरण में अब मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने सफाई कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सनसनी फैला दी है। जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि मेडिकल के कोविड वार्ड में तैनात सफाई कर्मचारी मरीजों को भर्ती कराने और बेड दिलाने के नाम पर उनके परिजनों से अवैध वसूली कर रहे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर बेड उपलब्ध कराने तक मरीजों के तीमारदारों से पांच से लेकर 15 हजार तक की अवैध वसूली की जा रही है। उधर यह पूरा प्रकरण संज्ञान में आते ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने एक कमेटी का गठन कर दिया है। प्राचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया   कि मरीजों को भर्ती करने के नाम पर अवैध वसूली करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए कड़ी कार्यवाही की जाएगी।


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