हजारों घर हुए जमींदोज, पूर्वी यूपी और बिहार की तरफ आएगा 


नई दिल्ली​​​​। भीषण चक्रवाती तूफान यास ने पूर्वी भारत में कहर बरपाते हुए बुधवार को हजारों कच्चे मकानों को नष्ट कर दिया तथा तूफान के असर को देखते हुए कोलकाता  के क्षेत्रीय व्यस्त हवाई अड्डे को भी बंद करना पड़ा है।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तूफान के कहर को देखते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सुबह साढे आठ बजे से रात पौने आठ बजे तक बंद कर दिया गया है और यहां आने जाने वाली सभी उड़ानें बंद हैं।राज्य सरकार ने तूफान की तीव्रता को देखते हुए स्थिति पर नजर रखने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया है जो लगातार काम कर रहा है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार रात राज्य सचिवालय नबन्ना में ही रही और स्थिति पर नजर रखी तथा इससे निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। वह सभी 20 जिलों के जिलाधिकारियोें से भी लगातार जानकारी ले रही है।उन्होंने बताया कि विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों की मदद करने के लिए एनडीआरएफ, पुलिस और सेना को राहत तथा बचाव कार्यों में लगाया गया है। उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिले , पश्चिमी मिदनापुर, झारग्राम, बीरभूम, पुरूलिया, बर्दवान, हावड़ा , हुगली तथा नादिया जिलों में लगभग 17 कंपनियों को तैनात किया गया है। यास के उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों और बिहार में आने के चलते इन इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। 
पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में लगभग बीस हजार कच्चे मकान तथा अस्थायी आवास इस तूफान की चपेट में आकर नष्ट हो गए हैं। मिदनापुर जिले में 70 किलोमीटर के क्षेत्र तथा दक्षिण 24 परगना जिले में कम से कम 15 क्षेत्रों में समुद्र का पानी भर गया है। उन्होंने बताया कि नंदीग्राम के लोगों ने कुछ समय पहले उनसे बातचीत की है और सोनाचुरा तथा केंदामारी में काफी बड़े क्षेत्र में पानी भर गया है।उन्होंने बताया“ काफी तेज लहरों तथा चक्रवाती तूफान के कारण चलते तटीय क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ है और हमने पहले ही 11.5 लाख लोगों को वहां से निकाल लिया था तथा उन लोगों से वहां नहीं जाने की अपील की गई है। चूंकि स्थिति काफी गंभीर होती जा रही है तो ऐसे में हमने उन्हें कहा है कि प्रशासन की तरफ से सुरक्षा की पुष्टि किए जाने के बाद ही उन क्षेत्रों में जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा आपदा राहत प्रबंधन विभाग, नगर निकाय, पंचायत, लोक निर्माण विभाग, बिजली , सिंचाई और कृषि विभागों के लगभग 64हजार कर्मचारियों को पिछले 24 घंटों से उन क्षेत्रों में तैनात किया गया है। सरकार का मकसद लोगों की जानमाल की रक्षा करना है। 
भुवनेश्वर से मिली खबरों के मुताबिक  भीषण चक्रवाती तूफान यास आज सुबह ओडिशा में बालासाेर तट से टकराया और उस समय इसकी रफ्तार 130 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा थी लेकिन इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ जितनी पहले आशंका जताई जा रही थी।भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युजंय मोहपात्रा ने बताया कि चक्रवाती तूफान यास बालासोर-भद्रक तट पर केन्द्रित था और यह बालासोर तट के दक्षिण में 20 किलोमीटर के समीप तट से टकराया तथा यह प्रकिया तीन घंटों तक जारी रही। इसने सुबह 10.30 से 11.30 के बीच ओडिशा तट को पार किया और यह फिर मयूरभंज जिले की तरफ बढ़ गया तथा उस समय इसकी रफ्तार 120 से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा था जिसकी वजह से भारी बारिश हुई थी। उन्होेंने बताया कि यह धीरे धीरे कमजोर पड़ जाएगा और कल सुबह तक झारखंड की तरफ जाते जाते एक गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा तथा उस समय इसकी रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी और इसकी वजह से भारी से बहुत भारी बारिश होगी।
यास तूफान की वजह से बालासोर और भद्रक जिलों में अनेक स्थानों पर पेड़ उखड़ गए तथा हजारों कच्चे मकान तथा अस्थायी आवास नष्ट हो गए। इसकी वजह से सड़क यातायात बाधित हुआ और दो मीटर से ऊंची लहरों के कारण अनके गांवों में समुद्र का पानी घुस गया।विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया जगतसिंहपुर, केन्द्रपाड़ा और जाजपुर जिलों में कोई अधिक नुकसान नहीं हुआ है और यहां काफी संख्या में पेड़ उखड़ गए हैं। बालासाेर और भद्रक जिलों में एनडीआरएफ, ओडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमों ने उखड़े हुए पेड़ों को हटाना शुरू कर दिया है। तूफान की वजह से सिमलीपाल में भारी बारिश 161 मिमी हुई और इसकी वजह से बूढाबालांग नदी में अचानक बाढ़ की आशंका जताई जा रही है। श्री मोहापात्रा ने बताया कि उत्तर ओडिशा में दिन में भारी से बहुत भारी बारिश होगी और कईं स्थानों पर यह 20 सेंटीमीटर भी होगी।
 
उधर चक्रवाती तूफान 'यास' के गुजरने के बाद पश्चिम बंगाल के प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय सेना ने तेजी के साथ राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। पूर्व मेदिनीपुर में जल स्तर में वृद्धि के कारण फंसे 32 नागरिकों को बचाने के लिए सेना की एक टीम लगी है। राज्य प्रशासन को सहायता देने के लिए कुल 17 कॉलम सेना तैनात की गई है। ​बाढ़ में घिरे और फंसे लोगों को निकालने, चिकित्सकीय सहायता देने, तूफान के बाद सड़क मार्ग ख़ाली करने, पेड़ काटने में सेना के जवान लगे हैं। भारतीय सेना ने पूर्व मेदिनीपुर में अब तक करीब 700 लोगों को बचाया है।
​पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना इलाके में ​​तूफान 'यास' ​ने ​व्यापक तांडव मचाया है।​ तूफान से एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। तीन लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 14 हजार बांध टूट गये हैं। सबसे प्रभावित पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा व अन्य इलाके हैं, जिसका ​शुक्रवार को​ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ​हवाई सर्वेक्षण​​​ करेंगी। ​पूर्व मेदिनीपुर में जल स्तर में वृद्धि के कारण फंसे 32 नागरिकों को बचाने के लिए एक बचाव दल को लगाया गया है। भारतीय सेना ने पूर्व मेदिनीपुर में अब तक करीब 700 लोगों को बचाया है।​ ​पूरी तरह से जलमग्न ​​दीघा में भी भारतीय सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन ​शुरू हो गया है। भारतीय सेना के बचाव और राहत कॉलम ने दीघा ​में फंसे ग्रामीणों को​ सुरक्षित निकाला​ है​। स्थानीय लोगों को चिकित्सा सहायता दी जा रही है।​ ​सेना ​की एक कॉलम ​टुकड़ी ​नागरिक आबादी ​को बचाने में लगाई गई है।
बाढ़ के पानी से घिरे ​​दीघा से नौ किमी​.​ दूर तलगचारी ग्राम पंचायत में नागरिकों को बचाने के लिए​ सेना के जवान लगे हैं।​ ​फिलहाल डीएम घाट पर ग्रामीणों को रेस्क्यू करके लाया जा रहा है।​ सेना की विशेष चक्रवात राहत ​टीमों को भी राहत कार्यों में लगाया गया है जिनके पास ​​​​​राहत ​उपकरण और फुलाए जा सकने वाली ​नौकाएं हैं। ​इसके अलावा सेना ​की नौ चक्रवात राहत ​टीमें ​कोलकाता में स्टैंडबाय पर ​रखी गई हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इनकी पुनः तैनाती की जा सके। ​सेना की यह टीमें ​​बाढ़ में घि​​रे और फंसे लोगों को निकालने, चिकित्सकीय सहायता देने, तूफान के बाद सड़क मार्ग ख़ाली करने, पेड़ काटने तथा राहत सामग्री ​बांटने में लगी हैं।​ ​​सेना की ​टीमों ने ​अभी तक ​हावड़ा में बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है​ जिन्हें रसद और चिकित्सा सहायता ​दी जा रही है।​ ​​
चक्रवात ​'​यास​'​ के कारण​ पैदा हुईं चुनौतियों में लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय सेना ​पश्चिम बंगाल ​में ​राज्य सरकार के साथ संपर्क और समन्वय​ बनाये हुए हैं​। सेना की पूर्वी कमान राहत एवं बचाव कार्यों की अगु​वाई कर रही है​​। ​​राज्य प्रशासन को सहायता ​देने ​के लिए कुल 17 कॉलम सेना तैनात की गई है। इसमें नादिया और पश्चिम मेदिनीपुर में दो कॉलम​, पुरुलिया और वेस्ट बर्धमान में दो कॉलम​, झारग्राम और बकुरा में दो कॉलम​, बीरभूम में एक कॉलम​, हावड़ा और कोलकाता पोर्ट पर दो कॉलम, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में दो कॉलम​, कोलकाता पूर्व, मध्य और पूर्व मेदिनीपुर में तीन कॉलम​, और कोलकाता दक्षिण के लिए एक कॉलम, हुगली में एक कॉलम, बेहाला (कोलकाता) में एक ​​कॉलम​ ​​सेना तैनात हैं​।
वायुसेना ने तैनात किये ​विमान और हेलीकाप्टर
​​पूर्वी वायु कमान ने चक्रवात ​'​यास​'​ के कारण हुए नुकसान के कारण त्वरित प्रतिक्रिया के लिए ​विमानों और हेलीकाप्टरों को तैनात किया है।​ ​सभी बचाव और राहत कार्यों को राज्य सरकार के साथ समन्वय में किया जा रहा है। सभी एजेंसियों के साथ समन्वय में प्रयासों की निगरानी और तालमेल के लिए टास्क फोर्स की स्थापना की गई है।​ ​​एनडीआरएफ ​टीमों ​को वायुसेना की मदद ​से एक दिन पहले ही एक सी-​130 और ​दो एएन-​32​ विमानों ​से पहुंचा दिया था​।​​ ​​​​एनडीआरएफ​ के ​102​ ​कर्मियों को उनके ​4.5​ टन ​उपकरणों के साथ ​​​अराकोनम ​(तमिलनाडु) से ​​पश्चिम मेदिनीपुर जिले के​ ​कलाईकुंडा तक पहुंचाया। ​इसी तरह ​​एक सी-130 ​परिवहन विमान ​ने 62 ​​एनडीआरएफ​ ​कर्मियों​ और 6.8 टन कार्गो को लीलाबारी से कोलकाता के लिए एयरलिफ्ट किया​​।

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