मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में स्थापित स्वामी विवेकानन्द चेयर के तत्वाधान में ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन स्वामी विवेकानन्द चेयर की संयोजिका डा. तुष्टि शर्मा ने किया। 
कार्यक्रम का शुभारंभ सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति ब्रिगेडियर डा. वी.पी.सिंह ने अपने स्वागत भाषण से किया। उन्होंने कहा कि यह बड़े हर्ष की बात है कि विश्वविद्यालय की स्वामी विवेकानन्द चेयर द्वारा अनुसंधान सहित स्वामी जी के आदर्श व उनकी शिक्षाओं का समाज में प्रचार प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षाविद मैक्स मूलर ने भारतीय संस्कृति को पश्चिम देशों में रूबरू कराया और आज भारतीय भाषा एवं संस्कृति की छाप पश्चिम देशों पर देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि मैक्स मूलर भारतीय भाषाओं एवं संस्कृति से इतने प्रभावित हुए कि संस्कृत भाषा के ज्ञानी बन गये और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में संस्कृत को पढ़ाया। उन्होंने कहा कि भाषा और संस्कृति समाज को जोड़ने का कार्य करती है और इसी उद्देश्य से सुभारती विश्वविद्यालय की स्वामी विवेकानन्द चेयर द्वारा स्वामी जी की शिक्षा एवं भारतीय संस्कृति को अनुसंधान के साथ देश हित में अपनी युवा पीढ़ी का ज्ञान वर्धन किया जा रहा है।
सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने कार्यक्रम की सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि यह बड़े गौरव की बात है कि विश्वविद्यालय की स्वामी विवेकानन्द चेयर द्वारा भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं भाषा पर अनुसंधान के माध्यम से विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति मानव सभ्यता का संरक्षण करती है और आज पूरे विश्व में हमारी संस्कृति की गूंज हैं। उन्होंने विशेष कहा कि विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृति विरासत ग्रहण करके देशहित में कार्य करने चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजस्थान के विख्यात शिक्षाविद डा. विजय बल्लभ ब्रथवाल ने कहा कि मानव सभ्यता के उत्थान में भाषाओं की मुख्य भूमिका है। उन्होंने कहा कि भारतविद मैक्स मूलर संस्कृत भाषा के ज्ञाता थे और इसी के साथ उन्होंने भारतीय संस्कृति की आत्मा को समझ कर वह वेदांतां के वेदांत बने। उन्होंने कहा कि मैक्स मूलर ने संस्कृत भाषा को विश्व की सबसे प्राचीन भाषा करार दिया एवं वेद उपनिषद का संस्कृत भाषा से अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया और इसे पश्चिम देशों में प्रचारित किया। उन्होंने कहा कि आज पश्चिम के सभी देश भारतीय संस्कृति की शरण में है वर्तमान कोरोना महामारी में विश्व भर के लोग हाथ जोड़कर एक दूसरे को नमस्कार कर रहे है जो भारती संस्कृति के लिये गर्व की बात है। उन्हांने कहा कि जिस प्रकार सुभारती विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानन्द जी के आदर्श व भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर रोशन करने का उत्कर्ष्ट कार्य कर रहा है वह बहुत सराहनीय है। अंत में उन्होंने मैक्स मूलर के जीवन तथा उनके शोध कार्यो पर चर्चा करते हुए विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में पिछले माह यूएन इंग्लिश लैंग्वेज डे पर आयोजित हुए ऑनलाइन निबन्ध प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर सुभारती मेडिकल कॉलिज से एमबीबीएस 2016 बैच की छात्रा भाव्या खत्री रही। द्वितीय स्थान डेन्टल कॉलिज से बीडीएस 2021 बैच की छात्रा श्रेया गुप्ता को मिला एवं तृतीय स्थान पर पत्रकारिता संकाय से बीजेएमसी अंतिम वर्ष के छात्र स्वप्निल वर्मा रहे। धन्यवाद ज्ञापन नेचुरोपैथी कॉलिज के प्राचार्य डा. अभय एम शंकरगौड़ा ने दिया।

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