मेरठ। निजी स्कूलों की मनमानी पर शासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को दुर्बल वर्ग के बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति एवं वित्तीय सहायता का डाटा पोर्टल पर अपलोड करने की हिदायत दी गई है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सतेन्द्र कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा निजी स्कूलों में प्रवेशित व अध्ययनरत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति एवं वित्तीय सहायता के लिए विद्यालयों द्वारा आनलाइन पोर्टल पर ूूू.तजम25.नचेकब.हवअ.पद अपलोड करना अनिवार्य कर दिया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की 12(1)(ग) के अन्तर्गत निजी विद्यालयों को यह आदेश दिया गया है। 
बीएसए ने बताया कि फीस प्रतिपूर्ति की मांग करने वाले विद्यालयों द्वारा इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सारा डाटा अपलोड किया जाएगा। बीएसए द्वारा इसका सत्यापन करने के बाद शासन को सत्यापन प्रमाण उपलब्ध कराया जाएगा। बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र के संचालित गैर सहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य व प्रबन्धकों की बैठक बुलाकर सारा डाटा अपलोड कराने के निर्देश दिए हैं। इसमें लापरवाही बरतने वाले विद्यालयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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