मेरठ। साहित्यकार और कवि गोपाल दास नीरज के साथी कवि धर्मजीत सरल का देर रात निेधन हो गया। धर्मजीत सरल देश के चुनिंदा गीतकार और श्रृंगार के चितेरे कवियों में शुमार थे। वे कवि और गीतकार होने के साथ ही एक मजे हुए नाट्य कलाकार थे। मंच पर धर्मजीत सरल 100 से अधिक नाटकों में अभिनय कर चुके थे। कवि धर्मजीत सरल ने बच्चों के लिए भी गीत और कविताए लिखी थी।
धर्मजीत सरल ने देश के बड़े-बड़े साहित्यकारों गोपाल दास नीरज,सोहन लाल द्विवेदी, संतोषानंद, किशन सरोज, शिशुपाल निर्धन जैसे दिग्गज कवियों के साथ मंच साझा किया था। इनका गीत संग्रह तुम पुकारते तो सही काफी लोकप्रिय हुआ। उनकी लिखी कविताएं छोटी कक्षाओं के पाठयक्रम में बच्चों को पढ़ाई जा रही हैं। धर्मजीत सरल सुभाष नगर में रहते थे। वे अपने पीछे पत्नी, पुत्र, पुत्रियां को छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार आज सूरज कुंड स्थित शमशान घाट पर कर दिया गया। धर्मजीत सरल के निधन पर साहित्य जगत में शोक छा गया है। कवियों और साहित्यकारों ने उनको श्रद्धांजलि दी है।  
बता दें कि कुछ दिनों पहले मशहूर शायर मदन शर्मा का भी निधन हो गया था। उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया था और उन्होंने लोकप्रिय अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। मेरठ ब्रह्मपुरी में जन्मे मदन शर्मा मेरठ के अपने पुश्तैनी आवास में रहते थे। वह अपने पीछे पत्नी, बेटा आदित्य, भाई विमल को छोड़ गए थे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts