हमेशा साफ मास्क पहनें मास्क पहनने के बाद भी गले में दिक्कत आये तो समझ जाएं मास्क में है गड़बड़ी गंदे मास्क से हो सकती है ऑक्सीजन की दिक्कत डिस्पोजेबल मास्क को भी लोग पहन रहे हैं दो से पांच दिन
मेरठ, 25 मई 2021। मास्क की सफाई और उसे बदलने को लेकर लोगों में अभी और जागरूकता की जरूरत है। कई लोग लंबे समय तक एक ही मास्क का उपयोग करते हैं, तो कुछ लोग मास्क की सफाई तक नहीं करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार साफ मास्क पहनना जरूरी है, गंदा मास्क कोरोना से बचाने की बजाय कई अन्य बीमारी फैला सकता है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पूजा शर्मा का कहना है कि इन दिनों काफी लोग ऐसे हैं, जो डिस्पोजेबल मास्क को भी दो से पांच दिन तक इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं कपड़े के मास्क को नहीं बदलना, 10 से 15 दिनों के अंतराल पर धोने से भी यह समस्याएं बढ़ रही है। एक ही मास्क बहुत अधिक लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। गंदे मास्क से गले में दर्द, पेट संबंधी बीमारियां, गले में खिचखिच, अपच और सांस संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। मास्क को लंबे समय तक इस्तेमाल करने और न धोने की वजह से मास्क के छिद्र गंदगी से भर जाते हैं और इस तरह के मास्क शरीर के ऑक्सीजन स्तर में कमी ला सकते हैं। घुटन की समस्या भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि मास्क पहनने के बाद भी गले में समस्या आ रही है तो समझ जाइए कि मास्क साफ नहीं है। वह कीटाणुओं से भर गया है। यह कीटाणु ही गले में परेशानी कर रहे हैं। मास्क पहनने से खांसी की समस्या नहीं होती है, लेकिन गंदा मास्क पहनने से गले की समस्या हो सकती है। खांसी से बचना है तो अपने मास्क की सफाई का विशेष ध्यान रखें। मास्क को सादे पानी में धोना काफी नहीं है। मास्क को धोने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें। 5 से 10 मिनट के लिए उसे पानी में डुबोकर रख दें। इसके बाद साबुन से धोएं। चार से पांच घंटे तक तेज धूप में सूखने दें। यदि घर में धूप नहीं आती है तो मास्क को गर्म पानी से धोने के बाद 15 मिनट डिटॉल में भिगोकर रख दें और फिर सुखाएं। गीले मास्क का उपयोग न करें डा. पूजा का कहना है कि गीले मास्क का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिये। इससे कीटाणु पनप सकते हैं। मास्क के सूखने के बाद इसे तीन से चार मिनट तक प्रेस करें। मास्क को बार बार हाथ लगाने से बचें। हर इस्तेमाल के बाद मास्क को धोना जरूरी है। ब्लैक फंगस की एक वजह गंदा मास्क भी हो सकता है। हालांकि इसकी मुख्य वजह स्टेरॉइट का अनुचित इस्तेमाल ही है। उन्होंने बताया नाक और नेसोफिरिंजियल में म्यूकर होते हैं। जब व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है तो ये म्यूकर बढ़ऩा शुरू हो जाते हैं और संक्रमण पैदा करते हैं। इससे नाक से खून रिसना और आंखों में सूजन जैसे लक्षण आते हैं।
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