मेरठ। कोरोना संक्रमण ने न जाने कितनों के घरों की हंसती खेलती जिंदगी को उजाड़ दिया। मेरठ के सेक्टर 10 निवसी वकार हुसैन जैदी की जिंदगी में कोरोना ऐसा तूफान लेकर आया कि हमेशा—हमेशा के लिए उनके जीवन को नासूर बना दिया। उनके दो बेटे और दोनों ही इंजिनियर भाईयों को मात्र  पांच दिन में कोरोना लील गया। दोनों बेटों को बचाने की उन्होंने पूरी कोशिश की लेकिन वे उन्हें नहीं बचा सके। पांच दिन में पूरे परिवार की खुशियां ही उजड़ गया। इस घटना से मोहल्ले से लेकर रिश्तेदारों तक में कोहराम मच गया है।
शास्त्रीनगर सेक्टर-10 निवासी नगर निगम से सेवानिवृत्त वकार हुसैन जैदी के के दो बेटे रजा हुसैन जैदी और शुजा हुसैन जैदी दिल्ली की निजी कंपनी में इंजिनियर के तौर पर कार्यरत थे। कुछ दिन पहले अचानक तबीयत खराब हुई। जांच में बडा बेटा रजा हुसैन कोरोना संक्रमित पाए गए तो निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। इस बीच रजा के छोटे भाई शुजा हुसैन जैदी की तबीयत भी खराब हो गई। उन्हें भी आनंद अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में दोनों भाइयों का उपचार चलता रहा और परिजन सलामती की दुआ करते रहे। अस्पताल में गत 22 मई को रजा हुसैन की मौत हो गई। अभी परिवार वाले इस सदमे से उबर भी नहीं सके थे कि 26 मई को शुजा हुसैन ने भी दम तोड़ दिया। दो जवान बेटों की मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया। छोटे भाई मुर्तजा हुसैन जैदी ने बताया कि दोनों बड़े भाइयों में बहुत प्रेम था। रजा की शादी हो चुकी है। उसको पांच माह की एक बेटी है। बता दें कि पिछले दिनों मेरठ में ही 24 वर्षीय जुड़वां भाइयों की भी एक दिन के अंतराल पर ही कोरोना से मृत्यु हो गई थी।


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