लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा किया है कि कोविड-19 की चपेट में ​जिन ​अभिभावकों का देहांत हुआ है, उनके बच्चों की जिम्मेदारी उनकी सरकार उठाएगी। इस आदेश के बाद बाल संरक्षण आयोग सक्रिय होकर अनाथ बच्चों को चिह्नित करने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में आयोग ने 555 बच्चों को चिह्नित कर लिया है। रविवार को यह बातें महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने कही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया योगी महामारी के समय एक ओर प्रदेशवासियों को कोरोना के प्रकोप से बचा रहे हैं तो दूसरी ओर कठिन समय में अपनों के दूर चले जाने से मायूस बच्चों के लिए भी संवेदनशील हैं। कोरोना संक्रमण की चपेट में आए माता-पिता के बच्चे जो 18 साल से कम आयु वर्ग के हैं, उनकी सुरक्षा, संरक्षण और पुनर्वास के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है।
निदेशक ने बताया कि विभाग ने प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को ऐसे सभी बच्चों की सूची तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं। जिससे ऐसे सभी बच्चों के सम्बंध में सूचनाएं सम्बंधित विभागों, जिला प्रशासन को पूर्व से प्राप्त सूचनाओं, चाइल्ड लाइन, विशेष किशोर पुलिस इकाई, गैर सरकारी संगठनों, ब्लॉक तथा ग्राम बाल संरक्षण समितियों, कोविड रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित निगरानी समितियों और अन्य बाल संरक्षण हितधारकों के सहयोग व समन्वय से किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में अपने माता पिता को खो चुके बच्चों के भरण पोषण, आर्थिक, शिक्षा, काउंसलिंग, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी सहायता राज्य सरकार करेगी। ऐसे में एक बड़ी कार्य योजना के तहत सीएम ने महिला व बाल विकास को निर्देश जारी किए हैं। महिला कल्याण विभाग की ओर से जिसका प्रस्ताव तैयार कर सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजा गया है।


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